भारत ने दिखाया आक्रमक रुख

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कश्मीर राग पर करारा जवाब दिया है। उसने पाकिस्तान से दो टूक कहा कि उसे कश्मीरियों की चिंता है तो गुलाम कश्मीर को खाली कर दे। भारत ने कश्मीर को सेना मुक्त करने की शरीफ की मांग को खारिज कर दिया और पाकिस्तान के आतंकवाद मुक्त होने की बात कही। गुलाम कश्मीर में पाकिस्तानी बर्बरता के वीडियो सामने आने के बाद भारत के इस आक्रामक रुख को काफी अहम माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कश्मीर व फलस्तीन के लोगों का विदेशी कब्जाधारियों द्वारा दमन के शरीफ के आरोप पर कहा कि कब्जा तो पाकिस्तान ने किया है, उसे कश्मीरियों की चिंता है तो गुलाम कश्मीर को खाली कर दे। स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, ‘पाक प्रधानमंत्री ने विदेशी कब्जे की बात तो सही कही है, लेकिन कब्जा करने वाले की तरफ उनका इशारा गलत है। हम अपील करते हैं कि पाकिस्तान गुलाम कश्मीर को जल्द खाली करे।’ संरा महासभा में अपने जवाब में भी भारत ने इस मुद्दे पर कहा कि कब्जा करने वाला तो खुद पाकिस्तान है।

शरीफ की चारों शर्तों को भारत ने किया रद्द  

शरीफ ने भारत के समक्ष चार शर्तें रखते हुए शांति की पहल की थी। भारत ने इन शर्तों को ठुकरा दिया। स्वरूप ने कहा कि कश्मीर को सेना मुक्त करना हल नहीं है, बल्कि पाकिस्तान को आतंकवाद मुक्त करना ही हल है। पाकिस्तान आतंकवाद से नहीं बल्कि अपनी नीतियों से पीडि़त है। सच तो यह है कि वह आतंकवाद का मुख्य प्रायोजक है। शरीफ ने कश्मीर से सेना हटाने, संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं करने, सियाचिन को सेना मुक्त करने व कश्मीर विवाद के तुरंत हल व इसमें कश्मीरियों की राय लेने की शर्तें रखी थीं।

महासभा में भारत का ने स्पष्टे किया रुख

संयुक्त राष्ट्र स्थित भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव अभिषेक सिंह ने 70वीं महासभा में चर्चा के दौरान शरीफ के भाषण का कड़ाजवाब दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कानूनी हथियार के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करता है। सच बात तो यह है कि पाकिस्तान आतंकवाद को पालने और उसके प्रायोजन की अपनी ही नीतियों का शिकार है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया इसे चिंता से देख रही है क्योंकि इसके परिणाम पाकिस्तान के पड़ोस से आगे फैल गए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता स्वरूप का भी कहना था कि पाकिस्तान में अस्थिरता आतंकियों को पालने की वजह से है। पड़ोसियों को दोष देना इसका हल नहीं है। जबकि अभिषेक सिंह ने कहा कि हर अवसर पर भारत ही दोस्ती का हाथ बढ़ाता है। उनके अनुसार भारत आज भी आतंकवाद और ङ्क्षहसा मुक्त वातावरण में लंबित मुद्दों पर पाकिस्तान से बातचीत के लिए तैयार है।

पाक पहले आतंकवाद छोड़े: सुषमा

वहीं संयुक्त राष्ट्र के मंच से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को करारा जवाब दिया। उन्होंने शरीफ के चार सूत्रों की जगह शांति के लिए सिर्फ एक ही सूत्र को काफी बताया। पाकिस्तानी पीएम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद छोडि़ए और बैठकर बात करिए। सुषमा ने कहा, ‘हम 25 वर्षों से आतंकवाद का सामना कर रहे हैं, लेकिन दुख है कि इसको बढ़ावा देने वाले राष्ट्रों को उचित जवाब नहीं दिया गया। हम इसकी परिभाषा ही तय करने में उलझे हुए हैं। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। वह सिर्फ मानवता का दुश्मन होता है। 2008 के मुंबई आतंकी हमले से पूरा विश्व आक्रोशित हुआ, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह अपमान की बात है कि हमलों का जिम्मेदार आतंकी खुलेआम घूम रहा है।’ इससे पहले अपने भाषण में सुषमा ने महात्मा गांधी की जयंती को अङ्क्षहसा दिवस घोषित करने के लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, दुनिया को तीसरे युद्ध से बचाने, रंगभेद हटाने, गरीबी दूर करने और लोकतंत्र बढ़ाने में संयुक्त राष्ट्र सफल रहा, लेकिन तमाम स्थानों पर शांति लाने में वह विफल रहा है।

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