5 परसेंट बढ़ा ग्राफ
रिपोर्ट के अनुसार इस साल विकासशील देशों को प्रवासियों से कुल मिलाकर 435 अरब डॉलर की प्राप्ति की संभावना है, जो कि 2013 के मुकाबले 5 परसेंट अधिक है. वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि दुनिया में सबसे अधिक अप्रवासी भारतीय के हैं और इनकी संख्या 1 करोड़ 40 लाख है. भारत को इनसे इस साल 71 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा मिलने का अनुमान है और इस मामले में देश सबसे ऊपर रहेगा.

बहुत रोचक हैं आंकडें
वर्ल्ड बैंक समूह के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने कहा, विकासशील देशों को अपने परदेशी नागरिकों से मिला धन इस साल 5 परसेंट बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, मिस्र, हैती, होंडूरास और नेपाल जैसे देशों के कुल आयात खर्च का एक बड़ा हिस्सा परदेशियों द्वारा भेजे गये धन से निपटाया जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2013 के मुकाबले इस साल वृद्धि दर काफी तेज है. एशिया और लातिन अमेरिकी देशों को इस सोर्स से अपेक्षाकृत अधिक धन मिलने से यह संभव हुआ है.

भारत और चीन की टक्कर

रिपोर्ट के मुताबिक प्रावासियों से प्राप्त कमाई के मामले में भारत और चीन क्रमश: 71 और 64 अरब डॉलर की अनुमानित प्राप्ति के साथ सबसे उपर हैं. फिलिपींस को परदेश में रह रहे अपने लोगों से इस साल 28 अरब डॉलर, मैक्सिको को 24 अरब डॉलर, नाइजीरिया 21 अरब डॉलर, मिस्र को 18 अरब डॉलर, पाकिस्तान को 17 अरब डॉलर, बांग्लादेश को 15 अरब डॉलर, वियतनाम को 11 अरब डॉलर और उक्रेन को 9 अरब डॉलर की रकम मिलने का अनुमान है.   

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