पहली बार दक्षिण अफ्रीका में हो रहा था वर्ल्ड कप
2003 में हालाकि क्रिकेट विश्व आठवीं बार खेला गया था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार इसकी मेजबानी का दायित्व उठाया था। उसके साथ ज़िम्बाब्वे और केन्या भी सह आयोजक थे। वर्ल्ड कप की शुरूआत 9 फरवरी 2003 से हुई थी। इस वर्ल्ड कप में कुल 14 टीमों ने भाग लिया था,जिन्होंने कुल 54 मैच खेले थे। इन टीमों में 10 मुख्य टीमें बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैण्ड, भारत, न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ़्रीका, श्रीलंका, वेस्ट इंडीज़ और जिम्बाब्वे थीं और चार सहायक टीमें थीं केन्या, कनाडा, नामीबिया और नीदरलैंड। इस विश्व कप में पहली बार इतनी संख्या में टीमें शामिल हुई थीं।
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वर्ल्‍ड कप क्रिकेट 2003 का फाइनल जिसमें सचिन हुए थे 4 रन बनाकर आउट

भारत ने जीता टास
रविवार को हुए इस मैच में भारत ने टॉस जीता और टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 360 रन का लक्ष्य रखा। कंगारुओं की ओर से जहां कप्तान रिकी पोंटिंग ने शानदार बैटिंग करते हुए नाबाद 121 गेंदों पर 140 रन बनाए, वहीं एडम गिलक्रिस्ट ने 48 गेंदों पर 57 रनों की पारी खेली थी और डेमन मार्टिन ने 84 गेंदों पर 88 रन बनाए थे। इस तरह ऑस्ट्रेलिया की पारी निर्धारित 50 ओवर 2 विकेट पर 359 रन बना कर खत्म हुई।
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चार रन पर आउट हुए सचिन
इसके बाद बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम की शुरुआत बहुत खराब रही। टीम ने रनों का पीछा करना शुरू किया लेकिन पहले ही ओवर में ओपनर सचिन तेंदुलकर का विकेट चला गया था। सचिन ने चार रन बनाये और महज पांच गेंदों का सोमना किया। इसके बाद धूंआदार बैटिंग करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने 81 गेंदों पर 10 चौकों तथा 3 छक्कों की सहायता से 82 रन बना दिए। उनके बाद पिच पर आये खिलाड़ी टीम को संभालने में कामयाब नहीं हुए और नियमित अंतराल पर आउट होते गए। हालाकि बीच में कप्तान सौरव गांगुली ने 25 गेंदों में 24 रन और राहुल द्रविड़ ने 57 गेंदों पर 47 रनों की पारी खेल कर अपनी ओर से मैच बचाने का प्रयास किया। आखिरकार भारत की टीम पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल सकी और 39.2 ओवर में 234 रनों पर सिमट गयी। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को 125 रन की बड़ी जीत हासिल हुई। इस फाइनल मैच में रिकी पोंटिंग को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया, हांलाकि पूरे टूर्नामेंट में सर्वाधिक 673 रन बनने वाले भारतीय ओपनर सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ़ द सीरीज़ का सम्मान दिया गया।
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