1. कपिल की यादगार पारी वाला मैदान गायब :-
1983 वर्ल्डकप में भारतीय टीम के कप्तान रहे कपिल देव ने जिस मैदान पर अपनी यादगार 175 रन की पारी खेली थी। उस मैदान पर दोबारा कभी मैच नहीं खेला गया। इस ग्राउंड का नाम नेविल था जो दुनिया के सबसे छोटे क्रिकेट ग्राउंड्स में से एक था। 1983 वर्ल्डकप में भारत और जिंबाब्वे के मैच के बाद इस मैदान पर कभी भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला गया।
2. सिर्फ दो मैच हुए टाई :-
भारत और जिंबाब्वे के बीच कुल 63 वनडे मैच हुए हैं जिसमें कि भारत ने 51 मैच जीते हैं जबकि सिर्फ 10 में ही उसे हार का सामना करना पड़ा। वहीं 2 मैच टाई रहे।
3. सबसे तेज अर्धशतक :-
साल 2000 में जिंबाब्वे के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के आखिरी मैच में भारतीय बॉलर अजीत आगरकर ने ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए आखिरी ओवरों में 21 रन में 50 रन पूरे कर लिए। और भारत की तरफ से वनडे मैच में सबसे तेज हॉफसेंचुरी जड़ने वाले बल्लेबाज बने।
4. एक मैच में 90 रन एक्स्ट्रा के :-
1999 वर्ल्डकप में भारत और जिंबाब्वे के बीच खेले गए मैच में अंपायर डेप ऑर्कड और पीटर वेली को काफी मेहनत करनी पड़ी थी। क्योंकि इस मैच में दोनों टीमों ने कुल 90 रन एक्स्ट्रा दिए थे। भारत ने पहले गेंदबाजी करते हुए 51 रन अतिरिक्त दिए थे, वहीं बाद में जिंबाब्वे के बॉलरों ने भी 39 रन एक्स्ट्रा में लुटा दिए।
5. मिश्रा के नाम द्वि-पक्षीय सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट :-
साल 2013 में विराट कोहली की अगुवाई में जिंबाब्वे खेलने गई भारतीय टीम में शामिल गेंदबाज अमित मिश्रा ने एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया था। पांच मैचों की इस सीरीज में मिश्रा ने कुल 18 विकेट अपने नाम किए थे और उन्होंने किसी भी द्वि-पक्षीय सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने का भी रिकॉर्ड अपने नाम किया। हालांकि उनसे पहले भारतीय गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने भी न्यूजीलैंड के खिलाफ एक सीरीज मं 18 विकेट चटकाए थे लेकिन उन्होंने 7 मैच खेले थे।
6. धोनी सब पर भारी :-
भारतीय कप्तान एम.एस.धोनी को छोड़ दिया जाए तो जिंबाब्वे दौरे पर गई भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी काफी नए हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि जहां धोनी ने कुल 275 वनडे और 68 टी-20 मैच खेले हैं तो वहीं बाकी बचे 15 प्लेयर्स ने कुल मिलाकर 83 वनडे और 28 टी-20 ही खेले हैं।
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