-IAP के 14वें एनुअल कॉंफ्रेंस का हुआ आयोजन

डक्‌र्ट्स बोले, बच्चों को चाइल्ड एब्यूज से बचाने में डॉक्टर्स की है अहम भूमिका

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JAMSHEDPUR : एक पीडिएट्रिशियन का रोल सिर्फ बच्चों का इलाज करना ही नहीं, बल्कि बच्चा अगर किसी तरह के चाइल्ड एब्यूज का शिकार है, तो उसकी पहचान और प्रॉपर ट्रीटमेंट के साथ-साथ बच्चे को इस मुश्किल से निकालना भी है. यह बात कही टाटा सेंट्रल हॉस्पिटल वेस्ट बोकारो डिवीजन के सीनियर स्पेशलिस्ट डॉ आशीष रॉय ने. वे सैटरडे को बिष्टुपुर स्थित एक होटल में आयोजित इंडियन एकेडमी ऑफ पीडिएट्रिक्स (आईएपी) के क्ब्वें एनुअल कॉफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. दो दिनों तक चलने वाले इस स्टेट पीडिएट्रिक्स कॉफ्रेंस में राज्य भर के चाइल्ड स्पेशलिस्ट हिस्सा ले रहे हैं. इस दौरान कई सेशन ऑर्गनाइज किए गए, जिनमें डॉक्टर्स ने विभिन्न टॉि1पक्स पर अपने विचार रखे.

डॉक्टर्स को िनभानी है बड़ी जिम्मेदारी

डॉ रॉय ने कहा कि बड़ी संख्या में बच्चों को आज भी चाइल्ड एब्यूज का शिकार होना पड़ता है. घर हो या स्कूल बच्चे कहीं भी इसका शिकार बन सकते हैं. इस दौरान किसी तरह की इंजूरी की स्थिति में बच्चे डॉक्टर के पास लाए जाते हैं और तब डॉक्टर की यह जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चे का इलाज तो करे, साथ ही आईडेंटिफाई करे कि बच्चा चाइल्ड एब्यूज का शिकार तो नहीं. उन्होंने कि चाइल्ड एब्यूज में बच्चे ज्यादातर स्किन इंजूरी, फ्रैक्चर, बर्न, स्काल्ड, शेकेन ट्रॉमा सिंड्रोम, फ्रैक्चर्ड इयर ड्रम जैसी चीजों के शिकार बनते हैं. पर बच्चे को एब्यूज करने वाले इंजूरी की सही वजह नहीं बताते. ऐसा मामला आने डॉक्टर को चाहिए को वो समझदारी के साथ अपने स्तर से मामले की गंभीरता का पता लगाए और जरूरी कदम उठाए.

बारीकी से करें पेशेंट की जांच

डॉ रॉय ने कहा कि ऐसा मामला आने पर डॉक्टर बच्चे का एब्डोमन एंड चेस्ट, एक्स रे, स्केलेटल सर्वे जैसी जांच करे. साथ ही बच्चे को स्थिति सीरियस बताते हुए इन-पेशेंट के तौर पर उसका इलाज करे. इस दौरान बच्चे की बारीकी से जांच करने के साथ-साथ फोटोग्राफिक एविडेंस भी अपने पास रखे. उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स को चाहिए कि वो इस संबंध में सावधानीपूर्वक पुलिस, चाइल्डलाइन, चाइल्डवेलफेयर कमिटी, डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटीज को भी इंफॉर्म करे. इस मौके पर एक सोविनियर भी लांच किया गया. मौके पर आईपीए के सेक्रेटरी डॉ केके चौधरी ने सेक्रेटरी रिपोर्ट भी पेश किया. इसमें उन्होंने आईएपी झारखंड ब्रांच के साल भर की उपलब्धियों के बारे में बताया. कॉफ्रेंस के दौरान चीफ गेस्ट डॉ बीआर मास्टर, आईपीए के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ मोहन कुमार सहित कई डॉक्टर मौजूद थे.