- मिनिमम परसेंटेज क्राइटेरिया में 5 परसेंट की मिलेगी छूट

- इस साल 20 हजार अतिरिक्त छात्रों को भी मिलेगा मौका

DEHRADUN: आईआईटी में एडमिशन का सपना देख रहे प्रदेश के एससी/एसटी कैंडिडेट्स के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें आईआईटी में दाखिले के लिए क्ख्वीं परीक्षा में प्राप्त मा‌र्क्स में छूट दी जाएगी। जहां लास्ट इयर तक 70 परसेंट मा‌र्क्स से ऊपर वाले स्टूडेंट्स को एडवांस में बैठने का मौका म्भ् परसेंट हासिल करने पर भी मिलेगा। इसके साथ ही इस साल दो लाख बीस हजार स्टूडेंट्स को जेईई एडवांस में बैठने का मौका मिलेगा।

देशभर की ख्ख् आईआईटी और आईएसएम धनबाद सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के एक दर्जन कोर्सेज की सीट्स पर जेईई एडवांस से एडमिशन किया जाता है। इस साल एग्जाम में मेंस क्वॉलिफाई करने वाले टॉप दो लाख कैंडिडेट्स को शामिल किया गया। लेकिन इस साल यह संख्या और बढ़ने वाले है। ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (जैब) ने इस साल दो लाख बीस हजार स्टूडेंट्स को जेईई एडवांस का टिकट देने का फैसला किया है।

कैटेगरी कैंडिडेट्स को भ् परसेंट की छूट

इस साल एग्जाम का जिम्मा आईआईटी मद्रास को दिया गया है। रविवार को बैठक के दौरान जेईई एडवांस एग्जाम की डेट और अन्य अहम फैसलों पर विचार मंथन किया गया जिसके बाद निर्णयों पर अंतिम मुहर लगाई गई। जेईई एडवांस ख्0क्7 एग्जाम ख्क् मई को आयोजित होगा। इसके अलावा बैठक में एससी-एसटी कैंडिडेट्स को क्ख्वीं बोर्ड एग्जामिनेशन में हासिल मा‌र्क्स परसेंटेज में भी छूट दी गई है। पिछले साल तक एडवांस में शामिल होने के लिए मिनिमम 70 परसेंट मा‌र्क्स अनिवार्य थे। लेकिन साल ख्0क्7 में म्भ् परसेंट मा‌र्क्स वाले कैंडिडेट्स को भी एडवांस का टिकट मिलेगा। बोर्ड के इस फैसले के बाद आरक्षित वर्ग के युवाओं के लिए आईआईटी की राह आसान होगी।

एनआईटी में भी क्ख्वीं के मा‌र्क्स बेमायने

साल ख्0क्7 से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में एडमिशन के लिए बनने वाली ऑल इंडिया रैंकिंग में क्ख्वीं के अंक भी नहीं जुड़ेंगे। दरअसल अभी तक एनआईटी में एडमिशन के लिए कैंडिडेट्स को पहले जेईई मेंस क्वॉलिफाई करना होता है। उसके बाद म्0 परसेंट जेईई की परफॉरमेंस और ब्0 परसेंट क्ख्वीं के मा‌र्क्स की परफॉरमेंस के आधार पर सीएमएल तैयार की जाती है। रैंकिंग के हिसाब से इन संस्थानों में प्रवेश मिलता था। लेकिन, अब देशभर के फ्क् एनआईटी संस्थानों में आईआईटी की तर्ज पर ही एडमिशन किए जाएंगे। यानि एनआईटी में एडमिशन के लिए क्ख्वीं के मा‌र्क्स के कोई मायने नहीं होंगे।

वर्जन--

बोर्ड लगातार आईआईटी में दाखिले का क्राइटेरिया बदल रहा है। इससे युवाओं को फायदा हो रहा है। डेढ़ से दो लाख बीस हजार कैंडिडेट्स को एडवांस में बैठने देने का फैसला इनमें सबसे अहम है। कैटेगरी कैंडिडेट्स को एडवांस में शामिल होने का मौका मिलने से नंबर कम आने पर प्रिपेरेटरी कोर्स में एडमिशन लेने का विकल्प भी मिलेगा।

---- वैभव राय, मैनेजिंग डायरेक्टर, वीआर क्लासेज