सुबह से शाम तक चला आईआईटी
पिछले कई दिनों से चल रहा इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट (आईआईटी) का इंतजार वेंस्डे को खत्म हो गया। 8 स्टेट के 35 सिटीज में हो रहे आईआईटी में एक गोरखपुर भी था। सिटी के 30 स्कूल में एक साथ 9000 से अधिक स्टूडेंट्स ने टेस्ट देकर इसे यादगार बना दिया। टेस्ट वैसे तो टोटल 2 घंटे का था, मगर एग्जाम का दौर सुबह शुरू हुआ और शाम तक चला। डिफरेंट स्कूल में डिफरेंट टाइमिंग में एग्जाम हुआ। स्कूलों में एग्जाम सुबह 10 बजे स्टार्ट हुआ और शाम 5 बजे तक चला।
अब रिजल्ट का है इंतजार
टेस्ट का नाम आते ही बच्चों के दिमाग में टेंशन शुरू हो जाती है। मगर बीएचयू और जागरण ग्रुप की ओर से ऑर्गनाइज आईआईटी के लिए स्टूडेंट्स उत्साहित थे। यह टेंशन उन्हें एक क्लास का पासिंग माक्र्स या विनर नहीं बनाएगा। यह टेस्ट उस काबिलियत (टैलेंट) को बताएगा, जो उनके अंदर छिपी है। एग्जाम खत्म होने के साथ ही स्टूडेंट्स में रिजल्ट को लेकर उत्सुकता शुरू हो गई। टीचर से लेकर एग्जाम कोआर्डिनेटर तक सभी से स्टूडेंट्स सिर्फ एक ही सवाल पूछ रहे थे कि रिपोर्ट कार्ड कब मिलेगा।
फिर लौटेगा आईआईटी
आईआईटी खत्म हो चुका है। टेस्ट में पार्टिसिपेट करने वाले स्टूडेंट्स की खुशियां छिपाए नहीं छिप रही। ऐसे भी कई स्टूडेंट्स रहे, जिनके स्कूल में तो कॉम्पटीशन हुआ मगर वे किन्हीं कारणवश उसमें पार्टिसिपेट नहीं कर सके। वहीं कुछ स्कूल भी इस इवेंट का हिस्सा नहीं बन सके। मगर टेंशन की कोई बात नहीं है। फ्यूचर में भी आईआईटी ऑर्गनाइज कराया जाएगा। जिसमें और भी स्कूल व स्टूडेंट्स पार्टिसिपेट कर सकेंगे। आईआईटी की फ्यूचर प्लानिंग और डिटेल्स वेबसाइट पर उपलब्ध है। जिन्हें भी आईआईटी संबंधित जानकारी चाहिए हो, वो www.indianintelligencetest.com.ष्शद्व पर क्लिक कर सकते हैं।
इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट का पार्ट बनकर बहुत खुश हूं। यह टेस्ट किसी दूसरे के लिए नहीं बल्कि अपने लिए था। यह टेस्ट उस टैलेंट को बताएगा, जिसके बारे में मुझे क्या शायद किसी को भी नहीं मालूम है। अब मुझे रिजल्ट का इंतजार है।
अलीना कुलसुम अब्बासी
इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट के बारे में मुझे जब मालूम पड़ा था, तभी से इसका इंतजार था। दिल्ली, मुंबई और मेट्रो सिटीज में ऐसे टेस्ट नॉर्मली होते हंै, मगर गोरखपुर में यह पहली बार ऑर्गनाइज हो रहा था। मैं टेस्ट देकर काफी खुश हूं।
तान्या अरोड़ा
इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट हर साल ऑर्गनाइज होना चाहिए। इस टेस्ट से स्टूडेंट्स का असली टैलेंट पता चलता है। सिटी में यह टेस्ट ऑर्गनाइज हुआ और मैैंने इसमें पार्टिसिपेट किया। इसलिए बहुत खुश हूं। अब देखना है कि रिपोर्ट कार्ड में मेरे किस टैलेंट का पता चलता है।
पीयूष
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