- इंटेलीजेंस टेस्ट का हिस्सा बनने को उमड़ा स्टूडेंट्स का हुजूम

- राजधानी के तीन ओपन सेंटर्स में आयोजित हुआ एग्जाम

- स्टूडेंट्स के साथ पैरेंट्स भी बच्चों का रुझान जानने को लेकर दिखे उत्सुक

LUCKNOW: अपने ब्राइट फ्यूचर के लिए हजारों स्टूडेंट्स ने बढ़-चढ़कर इंडियन इंटेलीजेंस टेस्ट (आईआईटी) सीजन थ्री में पार्टिसिपेट किया। जागरण प्रकाशन लिमिडेट की ओर से आयोजित इस रोचक टेस्ट के जरिए अपने करियर ट्रैक जानने के लिए स्टूडेंट्स में गजब का उत्साह देखने को मिला। इस स्टूडेंट्स को लेकर न केवल बच्चों बल्कि स्कूल के टीचर्स, प्रिंसिपल और पैरेंट्स भी खुश नजर आए। आईआईटी टेस्ट का संडे को सफल आयोजन किया गया। इस बहुप्रतिक्षित परीक्षा का आयोजन राजधानी के तीन सेंटर्स पर किया गया। इस परीक्षा में क्लास पांचवीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स ने पार्टीसिपेट किया। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले स्टूडेंट्स का एग्जाम सेंटर्स जागरण पब्लिक स्कूल और ऑनलाइन व दस ओपन सेंटर्स से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले स्टूडेंट्स का एग्जाम सेंटर्स गोमती नगर विराट खंड चार स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल और आलमबाग स्थित बालाजी काचिंग को सेंटर बनाया गया था।

बच्चों में दिखा उत्साह

राजधानी में बने तीन सेंटर में सुबह 11 बजे से ही स्टूडेंट्स और पैरेंट्स का तांता लगना शुरू हो गया था। च्च्चों में जोश दिख रहा था। ओएमआर शीट मिलने के साथ ही सभी संजीदगी से परीक्षा देने में जुट गए। करीब बीस मिनट में स्टूडेंट्स ने ओएमआर शीट भर दी। दो घंटे के प्रश्नपत्र के दो सेक्शन थे। एक सेक्शन में मल्टीपल इंटेलीजेंस (एमआई) दूसरे सेक्शन में एप्टीट्यूड के सवाल पूछे गए थे। ज्यादातर स्टूडेंट्स का कहना था कि एमआई सेक्शन में सवाल तो कम थे लेकिन उनका जवाब देना मुश्किल थे।

नहीं चूकना चाहता था मौका

यह एग्जाम सीधे हर एक स्टूडेंट के फ्यूचर से जुड़ा हुआ था तो कोई भी मौके को चूकना नहीं चाहता था। समय खत्म होने के साथ ही स्टूडेंट्स की भी टेंशन बढ़ती जा रही थी। चेहरे पर एग्जाम में शामिल होने का जितना जोश और जुनून था। उतनी ही तेजी से एग्जाम की टेंशन में दिलों की धड़कनें भी चल रही थीं। शायद यही कारण रहा कि सभी एग्जाम सेंटर्स पर स्टूडेंट्स की भीड़ समय से पहले ही पहुंचकर अपनी सीट पाने को उतावली दिखी। लखनऊ पब्लिक स्कूल विराट खंड में बने ओपन सेंटर में स्टूडेंट्स ही नहीं बड़ी संख्या में पैरेंट्स भी अपने बच्चे की बेकरारी को देखकर एग्जाम सेंटर्स तक पहुंचे और एग्जाम खत्म होने तक सेंटर के बाहर जमे रहे।

ओएमआर शीट का नया अनुभव

टेस्ट में क्लास पांच से बारह तक के स्टूडेंट्स को ही पार्टिसिपेट करना था। ऐसे में ज्यादातर के लिए ओएमआर शीट पर गोले के रूप में आंसर फिल करना बिल्कुल नया एक्सपीरियंस रहा। इससे स्टूडेंट्स भी बेहद खुश नजर आए। खासकर, इंटरमीडियट क्लास के वे स्टूडेंट्स जिन्हें कुछ ही समय बाद आगे आने वाले कॉम्पीटीशन एग्जाम में ओएमआर के कॉन्सेप्ट पर ही एग्जाम को फेस करना होगा, वे उत्साहित दिखे।