समाचार पत्र डेली मेल के मुताबिक वैज्ञानिक पहले इस तरह की गणना करने के लिए कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया करते थे, जिसे शौर्या रे ने सुलझा लिया है. रे के इस समाधान का अर्थ यह है कि वैज्ञानिक अब यह पता लगा सकते हैं कि किसी गेंद को फेंके जाने पर वह किस रास्ते से गुजरेगी और वह किस प्रकार दीवार से टकराएगी तथा किस प्रकार टकराकर वापस लौटेगी.

समाचार पत्र के मुताबिक रे को इस सवाल का पता तब लगा जब उसे एक पर्यटन कार्यक्रम के तहत द्रिसडेन विश्वविद्यालय ले जाया गया था, जहां एक प्रोफेसर ने उसे इस सवाल के बारे में कहा कि इसे सुलझाया नहीं जा सकता है। समाचार पत्र के मुताबिक रे ने कहा, ‘मैंने खुद से पूछा कि मैं इसे क्यों नहीं सुलझा सकता हूं.’ रे ने छह वर्ष से ही गणित के जटिल प्रश्नों को सुलझाना शुरू कर दिया था. 

रे चार साल पहले कोलकाता से जर्मनी पहुंचा है. तब उसे जर्मन भाषा नहीं आती थी, लेकिन अब वह इसमें पारंगत है. समाचार पत्र के मुताबिक उसकी प्रतिभा को देखते हुए उसे दो कक्षा ऊपर कर दिया गया.

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