वेटिंग टिकट की समस्या

मोदी सरकार के कार्यकाल के दो साल पूरे हो चुके हैं। जहां सरकार अच्छे दिन लाने के दावे कर रही है वहीं विपक्ष इससे इन्कार कर रहा है। मोदी सरकार ने रेलवे में भी सुधारों की कोशिश की है। पिछले दो साल में रेलवे में कई बदलाव किए गए हैं जिनमें सुविधाएं बढ़ाने के अलावा रफ्तार बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। इसी कड़ी में 1 जुलाई से एक ऐसी 'सुविधा' शुरू होने जा रही है जिसके बाद यात्रियों को केवल कन्फर्म टिकट मिलेंगे। हालांकि शुरुआत में यह टिकट चुनिंदा ट्रेनों में मिलेंगे लेकिन रेल मंत्री सुरेश प्रभु के अनुसार इसे अगले चार साल में सभी ट्रेनों में लागू करने की कोशिश की जाएगी। दरअसल 1 जुलाई से रेलवे के कई नए नियम लागू होने जा रहे हैं उनमें से एक है वेटिंग टिकट की समस्या खत्म करना भी है।

केवल कन्फर्म टिकट मिलेंगे

इसके लिए रेलवे ने सुविधा ट्रेन शुरू करने की तैयारी की है। इस ट्रेन में यात्रियों को केवल कन्फर्म टिकट ही मिलेंगे। इसके अलावा मंत्रालय ने पिछले साल एक और स्कीम शुरू की थी जिसके अंतर्गत यात्रियों को अगर एक ट्रेन में कन्फर्म टिकट नहीं मिलता है तो उन्हें उसी रूट की दूसरी ट्रेन में कन्फर्म टिकट दे दिया जाए। यह पायलट प्रोजेक्ट है जिसका नाम विकल्प दिया गया है। सरकार ने यह नई स्कीम 1 नवंबर 2015 से लागू भी कर दी है। वहीं सुविधा ट्रेनों में कन्फर्म टिकट के लिए टिकट अपग्रेडिंग और डाउनग्रेडिंग की जा सकती है। मसलन आपने अगर एसी का टिकट लिया है तो हो सकता है आपको स्लीपर पर डाउनग्रेड कर कन्फर्म टिकट दिया जाए।

वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म

सरकार के दो साल पूरे होने पर एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में रेल मंत्री ने कहा कि 2020 तक सभी यात्रियों को ट्रेनों में कन्फर्म टिकट मिलने लगेगा।ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म हो जायेगा। रेलवे की ओर से चलायी जानेवाली सुविधा ट्रेनों में यात्रियों को कन्फर्म टिकट की सुविधा दी जाएगी।तत्काल टिकट कैंसिल करने पर 50 फीसद राशि होगी वापस। तत्काल टिकट कटवाने के नियमों में भी बदलाव हुआ है। सुबह 10 से 11 बजे तक एसी कोच के लिए टिकट बुकिंग होगी, जबकि 11 से 12 बजे तक स्लीपर कोच की बुकिंग होगी।

पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा

राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा पेपर वाले टिकट नहीं मिलेंगे, बल्कि आपके मोबाइल पर टिकट उपलब्ध होगा।

जल्द ही रेलवे अलग-अलग भाषाओं में टिकटिंग की सुविधा शुरू करेगा। अभी तक हिंदी और अंगरेजी में ही टिकट मिलते हैं, लेकिन नयी वेबसाइट के बाद अलग-अलग भाषाओं में भी टिकट की बुकिंग की जा सकेगी। रेलवे में टिकट के लिए हमेशा से मारामारी रहती है। ऐसे में शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ायी जायेगी।भीड़-भाड़ के दिनों में रेलगाड़ी में बेहतर सुविधा देने के लिए वैकल्पिक रेलगाड़ी समायोजन प्रणाली, सुविधा ट्रेन शुरू करने और महत्वपूर्ण ट्रेनों की डुप्लीकेट गाड़ी चलाने की योजना है।

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