स्लीपर डिब्बों की जगह लेंगे एसी कोच

आने वाले पांच सालों में इंडियन रेलवे के स्लीपर क्लास डिब्बे एसी डिब्बों से बदल सकते हैं. दरअसल रेलवे बोर्ड सभी एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों के स्लीपर क्लास डिब्बों को एसी से बदलने की बारे में सोच रहा है. सूत्रों के मुताबिक रेलवे बोर्ड ने इस बारे में गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है.

साउथ रेलवे ने शुरू किया बदलाव

इस मुहिम में सबसे पहले साउथ रेलवे ने अपनी ट्रेनों में इस बदलाव को लाना शुरू कर दिया है. इस मामले में सबसे पहले दिल्ली से एर्नाकुलम जाने वाली एक ट्रेन मंगला एक्सप्रेस 12617 में एक स्लीपर कोच को एसी थ्री टियर से बदला गया. इस ट्रेन में जिन लोगों का रिजर्वेशन था उन लोगों के लिए तत्काल सीटों की व्यवस्था कराई गई. इस ट्रेन में पहले 11 स्लीपर कोच थे लेकिन मंगलवार से इस ट्रेन में 10 स्लीपर कोच हैं और एक स्लीपर कोच को एसी थ्री टियर से बदला गया है. गौरतलब है कि मंगला एक्सप्रेस के अलावा चैन्नई एगमोर से मंगलौर को जाने वाली सेंट्रल एक्सप्रेस अप एंड डाउन ट्रनों के स्लीपर डिब्बों को भी हटाया जाएगा. इस बारे में पता चला है कि इस ट्रेन के डिब्बों में से मिडिल बर्थ को निकाल कर पेसेंजर ट्रेनों में चलाया जा सकता है.

जेब पर पड़ेगा असर

रेलवे के इस कदम से जहां एक तरफ रेल यात्रियों को आरामदायक सफर का फायदा हो सकता है वहीं स्लीपर डिब्बों में सफर करने से लोगों की जेब पर भारी असर पड़ेगा. गौरतलब है कि जनरल क्लास और एसी क्लास के बीच स्लीपर क्लास एक ऐसा क्लास था जिसमें आम लोगों सबसे ज्यादा चलते थे. मसलन एर्नाकुलम से निजामुद्दीन तक स्लीपर क्लास में 925 रुपये देने पड़ते थे लेकिन एसी थ्री टियर में 2370 रुपये देने पड़ते हैं. इस तरीके से यात्री जेब पर लगभग 1300 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ जाता है.

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