बच्चों के लिए आटो, बस या रिक्शा तय करते समय नहीं चेक करते ड्राइवर का इतिहास

ALLAHABAD: बस, आटो या रिक्शा स्कूल से अटैच है तभी तो हम उसके चालक और मालिक के बारे में जानकारी रखेंगे। तमाम आटो, बस और रिक्शा ऐसे हैं जिनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं होती। यह भी तो बच्चों की सुरक्षा में चूक का मामला है। इस पर भी तो अंगुली उठनी चाहिए। यह कहना है स्कूल प्रिंसिपल्स का आई नेक्स्ट की क्वैरी पर।

स्कूल को ही ठहराते हैं गलत

बच्चों की सुरक्षा को लेकर आई नेक्स्ट की ओर से चल रहे अभियान में शनिवार को बारी थी स्कूल मैनेजमेंट का रोल परखने की। मैनेजमेंट से जुड़े लोगों ने कहा कि पैरेंट्स हमेशा स्कूल को कटघरे में खड़ा करते हैं। वे कभी अपनी ओर से बरती जाने वाली लापरवाही पर चर्चा नहीं करते। जबकि कई बार पैरेंट्स की लापरवाही ही बच्चे के साथ होने वाली किसी घटना के लिए जिम्मेदार होती है। इलाहाबाद पब्लिक स्कूल के मैनेजर राजीव मिश्रा ने कहा कि अक्सर पैरेंट्स अपनी सहूलियत के हिसाब से वाहन हॉयर करते हैं। लेकिन, चालक-मालिक के बारे में न तो खुद कुछ पता करते हैं और न ही स्कूल को कोई जानकारी देते हैं। इस स्थिति में कोई अप्रिय घटना होने पर स्कूल क्यों जिम्मेदार होगा। पैरेंट्स को चाहिए कि वह बच्चे को किस वाहन या ट्रॉली से स्कूल भेज रहे हैं, इसकी जानकारी लिखित रूप में स्कूल को दें।

चालकों से करते रहें बात

एमएल कान्वेंट ग्रुप ऑफ स्कूल के अध्यक्ष पुनीत वर्मा ने कहा कि कई बार देखने को मिलता है कि वाहन चालक बच्चों को वाहनों में बेतरतीब बैठाते हैं। स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन पैरेंट्स से बात करता है तो वे समस्याओं की लंबी फेहरिस्त लेकर बैठ जाते हैं। बच्चों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देते। ऐसे में सिर्फ स्कूल को दोषी बनाना गलत है। पैरेंट्स कभी इस ओर ध्यान नहीं देते कि वाहन या ट्रॉली में बैठने के लिए कितनी सीटें हैं? और चालक कितने बच्चों को बैठाकर ले जा रहा है। पैरेंट्स को इसकी मॉनिटरिंग करने की जरूरत है।

बरतें सावधानी

बस, आटो या रिक्शा के चालक के साथ मालिक की पूरी डिटेल रखें

वेरीफिकेशन के लिए इसकी सूचना पुलिस को दे दें ताकि पुलिस के पास उसका पूरा रिकॉर्ड हो

चालक और मालिका के पूरे डिटेल के साथ उनका मोबाइल नंबर अपने पास रखें

बच्चों से लगातार बात करते रहें कि रास्ते में कुछ गलत तो नहीं हो रहा है