JAMSHEDPUR : हर तरफ विधानसभा चुनाव का रंग चढ़ा है, नेता तरह-तरह के वादों और विपक्षियों पर आरोपों की झड़ी लगाने के साथ जनता के बीच जाकर वोट मांग रहे हैं। वहीं, जनता भी किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए सभी वादों और दावों को परख रही है। इस चुनाव में क्या हैं जनता के मुद्दे? आई नेक्स्ट द्वारा चलाए जा रहे अभियान 'हैं तैयार हम' के जरिए हमने जानने की कोशिश की।

चाहिए पांच साल चलने वाली सरकार

पिछले क्ब् सालों में राज्य में नौ मुख्यमंत्री बदले जा चुके हैं। एक स्थिर सरकार नहीं मिल पाने का खामियाजा राज्य को भुगतना पड़ा है। राज्य के विकास की गाड़ी कभी रफ्तार पकड़ ही नहीं पाई। आज भी लोगों को बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझना पड़ रहा है। अगर विकास चाहिए, तो राज्य को एक स्थिर और मजबूत सरकार बनानी होगी। लोगों को यह बात समझनी होगी और राज्य के विकास के लिए आने वाले विधानसभा चुनाव में सजग होकर एक स्थिर सरकार के लिए वोट करना होगा।

-भारती कुमारी

भ्रष्टाचार है सबसे बड़ा मुद्दा

प्राकृतिक संसाधनों के समृद्ध भंडार के बावजूद झारखंड के पिछड़ेपन की सबसे बड़ी वजह भ्रष्टाचार है। राज्य के विकास के लिए जरूरी है कि शासन के हर स्तर से भ्रष्टाचार खत्म हो और राज्य को विकास का मौका मिले। राज्य को एक ऐसी सरकार चाहिए जो खुद तो एक मिसाल पेश करे ही साथ ही शासन तंत्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाए। झारखंड को एक विकसित राज्य बनाने के लिए जरूरी है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता स्वच्छ छवि वाले जनप्रतिनिधियों का चुनाव करे।

-संजन शर्मा

जनप्रतिनिधि वैसा हो जिसे जनसमस्याओं से हो सरोकार

अभी हाल के दिनों में पेट्रोल, डीजल की कीमतें लगातार कम हुई है, लेकिन ऑटो और बस के किराए में किसी तरह की कटौती नहीं की गई। हर बार पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने पर किराया बढ़ा दिया जाता है, लेकिन कीमतें कम हुई, तो उस हिसाब किराए में कमी क्यों नहीं की गई। जनता परेशान हो रही है पर किसी जनप्रतिनिधि ने इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया। इसी तरह की छोटी-बड़ी कई समस्याएं हैं, जिनसे लोगों को हर रोज दो-चार होना पड़ता है। लोगों को एक ऐसा जनप्रतिनिधि चाहिए, जो सिर्फ बड़े-बड़े वादे ना करे, बल्कि जनता की समस्याओं को समझे और उन्हें दूर करने का प्रयास करे।

ज्योति सोरेन

विकास हो जिसकी प्राथमिकता

चुनाव के वक्त नेता पदयात्रा करते हुए घर-घर जाकर वोट मांगते हैं, लेकिन एक बार चुन लिए जाने के बाद उनका दर्शन भी जनता के लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं को क्या समझेंगे। जनता को ऐसा जनप्रतिनिधि चाहिए, जो अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत हो, जिसकी प्राथमिकता क्षेत्र का विकास हो। आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता अपने वोट का निर्णय लेते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे जिसे जनप्रतिनिधि चुन रहे हैं वो सही मायनों में जनप्रतिनिधि साबित हो सके।

नीरू भगत

दूर हो जरूरी सुविधाअों की कमी

देश-दुनिया में हर रोज तरक्की हो रही है, लेकिन झारखंड आज भी बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रह है। ये समस्याएं जब तक दूर नहीं होगी तब तक विकास की तरफ राज्य के कदम बढ़ेंगे कैसे। रूरल एरियाज तो दूर राज्य के बड़े-बड़े शहरों में नागरिक सुविधाओं का अभाव है। राज्य को एक ऐसी सरकार चाहिए जो इन समस्याओं को समझे और दृढ़ निश्चय के साथ इसे दूर के लिए प्रयास करे।

अमृता सिंह

शिक्षा के क्षेत्र में हो सुधार

हम बड़े गर्व से कहते हैं कि दुनिया में सबसे युवा देश हमारा है। यह सही भी है, हमारे देश में युवाओं की जितनी आबादी है उन्हें अगर सही मौका मिले, तो देश सफलता के शिखर तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। पर क्या युवाओं को वो मौका मिल रहा है? झारखंड में युवाओं के लिए ना तो शिक्षा के अच्छे साधन हैं और ना ही रोजगार के अवसर। हर साल बड़ी संख्या में युवा हायर स्टडीज के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद राज्य में रोजगार का भी सही अवसर नहीं मिल पाता। राज्य को एक ऐसी सरकार चाहिए जो शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में काम करे।

-सुष्मिता सिन्हा

वोटर अवेयरनेस है जरूरी

लोकतंत्र में हमें अपना जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार मिला है। ये सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि सबकी जिम्मेदारी भी है कि अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल कर अच्छे जनप्रतिनिधियों का चुनाव करे, लेकिन आज भी लोग इस जिम्मेदारी को निभाने से पीछे हटते हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद चुनाव में सभी की भागीदारी सुनिश्चित नहीं हो पाई है। इस कमी को दूर करना होगा। एक अच्छी सरकार चाहिए, तो जरूरी है कि सभी लोग चुनाव के दिन अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल करें।

-नीलम प्रसाद

हर वोट है महत्वपूर्ण

विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी प्रत्याशी तरह-तरह के वादों साथ जनता के बीच वोट मांग रहे हैं। इन वादों की सच्चाई को परख अब यह जनता को तय करना है कि किसे वोट देना है और किसे नहीं। चुनाव में एक भी वोट व्यर्थ नहीं जाए, इसलिए जरूरी है कि वोटर सोच-समझकर अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल करें।

-पूनम कुमारी