छात्र राजनीति में हो बदलाव
जब हम यूथ की बात करते हैं तो स्टूडेंट यूनियन पॉलिटिक्स की बात दिमाग में आ जाती है। क्या पॉलिटिक्स उसी तरह से हो रही है जैसी होनी चाहिए? इसी तरह के तमाम सवाल और उनके क्या सॉल्यूशन हैं, आइए आपको भी बताते हैं।

छात्र राजनीति पर उठे सवाल

- अब छात्र राजनीति में भी लाभ की राजनीति आ गई है।
- पदाधिकारी छात्रहित के लिए नहीं स्वहित के बारे में सोचते हैं।
- छात्र राजनीति का व्यवसायीकरण हो रहा है।
- छात्र राजनीति में सियासी दलों का हस्तक्षेप बढ़ रहा है।

 ये आए सुझाव

- सबसे पहले छात्र राजनीति को प्योर पॉलिटिक्स से दूर करना होगा।
- छात्र राजनीति से पॉलिटिकल पार्टी का दखल नहीं हो चाहिए।
- लिंगदोह कमेटी सुझावों को सख्ती से लागू किया जाए।
- छात्र राजनीति दलगत नहीं होनी चाहिए।

 तो ऑनलाइन वोटिंग क्यों नहीं?
मौजूदा समय में आज का यूथ ऑनलाइन हो गया है। वो ऑनलाइन चैट करता है। ऑनलाइन मूवी टिकट बुक करता है। जब बात वोटिंग की करते हैं तो ऑनलाइन वोटिंग में हम पीछे क्यों रहे? आखिर इसे लागू करने में किस तरह की समस्याएं सामने आएंगी और क्या फायदे होंगे आइए आपको भी बताते हैं

ऑनलाइन वोटिंग से समस्याएं
- देश के कई हिस्सों में इंटरनेट नहीं पहुंचा है।
- आज भी देश में कई युवा में इंटरनेट की जानकारी का अभाव है।
- इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन वोटिंग को हैक किया जा सकता है।  
- फर्जी वोट डालने का ट्रेंड बढऩे का डर है।

सकारात्मक कदम हो सकता है
- ऑनलाइन वोटिंग को यूआईडी नंबर और बैंक अकाउंट से जोड़कर सेफ किया जा सकता है।
- पोलिंग बूथ तक न जाने वाले लोग भी अपने मताधिकार प्रयोग करेंगे।
- वोटिंग परसेंटेज में काफी बढ़ावा मिलेगा।
- दूर देश या राज्य में बैठा आदमी भी अपने क्षेत्र के पसंदीदा कैंडीडेट को वोट कर सकता है।

बेरोजगारी और करियर
बेरोजगारी को कैसे दूर किया जाए और यूथ का करियर कैसे बेहतर बने?
यूथ के लिए मौजूदा समय में सबसे बड़ी प्रॉब्लम बेरोजगारी है, जिससे वो बुरी तरह जूझ रहे हैं, साथ ही करियर भी एक बड़ी समस्या है। करियर बनाने के बाद भी यूथ जॉब से तरस रहे हैं।

ये है समस्या
- इंस्टीटयूट खुले जा रहे हैं लेकिन यूथ को जॉब मिल नहीं रहे हैं।
- ग्रेजुएशन डिग्री की कोई वैल्यू नहीं रह गई है।
- शिक्षा का व्यापारीकरण हो रहा है।

ये हैं समाधान
- भारत में एजुकेशन के मामले में ठीक से प्लानिंग होनी चाहिए।
- शिक्षा का व्यापारीकरण रोकना बहुत जरूरी है।  
- देश में सरकार को कुटीर उद्योग को बढ़ावा देना होगा।
- भारत में टैक्स कम हो जिससे यहां का सामान सस्ता हो। स्वदेशी को प्रमोट किया जाए। इससे यहां की कंपनियों का बिजनेस बढ़ेगा और जॉब क्रिएट होगा।

तनाव में है यूथ
यूथ में बढ़ रहे तनाव को कैसे दूर किया जाए? आज का यूथ बेहद तनाव में है। तनाव के कारण आज का यूथ आत्महत्या कर रहा है। गलत रास्तों पर चल रहा है। अपनी लाइफ में भटक रहा है। यूथ की ये टेंशन कैसे दूर हो?

ये हैं समस्याएं
- यूथ ने हर टेक्नॉलोजी को अपनी लाइफ का पार्ट बना लिया है।
- यूथ किसी भी छोटी समस्या को लेकर तनाव में आ रहा है।
- यूथ में सहनशीलता की कमी पाई जा रही है।

ये हैं समाधान
- पैरेंट्स बच्चों से ज्यादा अपेक्षाएं न करें।
- बच्चों को बाइक या कोई गैजेट्स देने से ज्यादा जरूरी है पैरेंट्स उन्हें समय दें।
- आउटडोर गेम्स का जरूर हिस्सा बने, इससे सारी टेंशन खेलकर दूर हो सकती है।

 अब नारी अबला नहीं है
महिला सुरक्षा की बात करें तो यह आज एक ज्वलंत मुद्दा बन चुका है। आखिर अभी भी महिलाओं को कमजोर क्यों माना जाता है? कुछ इसी तरह के सवाल और उनके सॉल्यूशन भी निकलकर सामने आए।

महिला सुरक्षा पर लग रहे प्रश्न चिह्न  
- आधुनिकता की दौड़ में भी महिलाओं को कमजोर क्यों समझा जाता है?
- अभी भी पुरुष प्रधान सोच महिलाओं पर हावी है क्यों?
- अपने ही घर और अपने ही  शहर में महिलाओं को सुरक्षा क्यों नहीं?

ये हैं समाधान
- महिलाओं को खुद को आत्मनिर्भर बनाना होगा।
- आवश्यकता है तो अपने कांफिडेंस लेवल को बढ़ाने की और पुरुष प्रधान सोच को खत्म करने की।
-  महिला वर्ग में एजुकेशन और अवेयरनेस को और भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध की कड़ी सजा दी जाए।