- पिछले साल से कम कारोबार होने की संभावना

-हड़ताल से लग गया था 420 करोड़ रुपये का चूना

- बाजार में अभी सबसे ज्यादा है लाइट ज्वैलरी की डिमांड

सोना कितना सोणा है

Meerut : इस बार अक्षय तृतीया पर ज्वैलरी खरीदने वालों और ज्वैलर्स को जोरदार झटका लगने वाला है। एक तो पहले से ही एक्साइज की हड़ताल के चलते सर्राफा कारोबार को करोड़ों का नुकसान हो गया है। दूसरा सोने के दामों में अचानक आए उछाल से ग्राहक सोना खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। जिसके चलते मार्केट में त्यौहार के बावजूद भी सन्नाटा पसरा है।

महंगाई से टूटी हिम्मत

अक्षय तृतीय के अवसर पर हर वर्ष लोग जमकर सोना खरीदते थे। लेकिन इस बार एक तो एक्साइज का डर, दूसरा रोजाना बढ़ रहे सोने के दामों से ग्राहक सोना खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। जिसके चलते इस बार पिछले साल की तुलना में कारोबार में 40 फीसदी तक की गिरावट आने की संभावना है।

420 करोड़ का हुआ था नुकसान

अकेले मेरठ शहर में सर्राफा कारोबारियों की संख्या 2000 से ऊपर है। जबकि पूरे जनपद की बात करें तो 2700 सोना करोबारी हैं। जिन्हें एक्साइज के खिलाफ लगातार 42 दिन तक मार्केट बंद रखना पड़ा था। कारोबारियों के अनुसार पूरे जनपद को रोजाना 10 करोड़ का घाटा हड़ताल से हुआ है। यानी आंदोलन के समय लगभग 420 करोड़ का नुकसान अकेले मेरठ जिले को हुआ है।

लाइट ज्वैलरी पहली पसंद

बढ़ती महंगाई और एक्साइज की मार के बाद भी इस वर्ष लोग अक्षय तृतीया के अवसर पर लाइट ज्वैलरी की डिमांड कर रहे हैं। सर्राफा कारोबारियों ने बताया कि लाइट ज्वैलरी के मार्केट में नए-नए डिजाइन हैं। जिन्हें लोग पसंद कर रहे हैं।

ये है ट्रेंड में

अक्षय तृतीया को देखते हुए मार्केट में सबसे ज्यादा जिन वैरायटीज की डिमांड है वो कंगन, चेन, नेकलेस की हैं। इन्ही के बहाने लोग नोज लोंग, रिंग, कानों की बालियां भी खरीद रहे हैं। जैना ज्वैलर्स के मालिक की मानें तो आजकल के यूथ को सबसे ज्यादा चमकीले आइटम पसंद हैं। खासकर ग‌र्ल्स लाइट वेट के कंगन ज्यादा पसंद कर रही हैं।

इन डिजाइनों का बोलबाला

डिजाइन के बारे में कुश अग्रवाल बताते हैं कि कुंदन वर्क के डिजाइन को यूथ सबसे ज्यादा पसंद कर रहा है। इन्ही की सबसे ज्यादा सेल भी होती है। इसमें कई कलर्स यूज होते हैं जैसे हरा, नीला, पीला, कोकाकोला, गोल्डन रैड कलर्स आदि। इस आइटम को बनाने में काफी समय लगता है।

फीका रहेगा कारोबार

गीतांजलि ज्वैलर्स के डायरेक्टर सौरभ अग्रवाल ने बताया कि पिछली बार के मुकाबले इस बार कारोबार फीका पड़ता दिख रहा है.उन्होंने बताया कि पिछली बार अक्षय तृतीया के मौके पर 50 करोड़ के ऑर्नामेंट की खरीददारी हुई थी। लेकिन इस बार 25 करोड़ छूना भी टेढ़ी खीर है।

कम वेट पर जोर

नामचीन ज्वैलर्स इस बार लाइट कम वेट वाली ज्वैलरी को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। तनिष्क ज्वैलर्स के डायरेक्टर अभिषेक जैन की मानें तो कम वेट वाली ज्वैलरी को ज्यादा पसंद किया जाता है। साथ ही उसकी सेल भी अच्छी होती है। मिनीमम 3 ग्राम से 20 ग्राम तक की ज्वैलरी लाइट वेट की ज्वैलरी मानी जाती है। जो सभी लोगों के बजट में भी आ जाता है।

जितना वेट, उतना मेकिंग चार्जेज

मेकिंग चार्जेज के बारे में जानकार बताते हैं कि सामान्य मेकिंग चार्ज 100 रुपए से लेकर 700 रुपए तक हैं। ये चार्जेज शॉप टू शॉप बदलते रहते हैं। इसके अलावा मेकिंग चार्जेज ज्वैलरी के वेट पर निर्भर करता है।

ये बरतें सावधानी

-विश्वास की दुकान से ही खरीदें

- सामान खरीदने के बाद बिल जरूर लें

- ज्वैलरी को खरीदने के लिए प्लास्टिम मनी का यूज करें

- प्लास्टिक मनी न हो तो चैक से पैमेंट करें

- ज्यादा बड़े बैग को कैरी न करें, ताकि किसी को शक न हो

-ज्वैलरी हॉल मार्क की ही खरीदें

-ज्वैलरी खरीदने के बाद पक्का बिल जरूर लें

अक्षय तृतीय के लिए मार्केट में नए-नए डिजाइन उपलब्ध हैं। जिन्हें लोग खरीद भी रहे हैं। लेकिन इस बार त्यौहार का उतना क्रेज नहीं दिख रहा जितना हर साल होता है।

सौरभ अग्रवाल, डायरेक्टर गीतांजलि ज्वैलर्स

लाइट वेट ज्वैलरी को नई पीढ़ी ज्यादा पसंद करती है। अक्षय तृतीय पर मार्केट में इस तरह की सभी ज्वैलरी उपलब्ध कराई गई। वैसे इस बार मार्केट फीका रहने वाला है।

अंकुर जैन, जैना ज्वैलर्स

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