-बीच चौराहे पर मारे गए अभिनव के खिलाफ जौनपुर में दर्ज हैं केस, दबंगई और मनबढ़ प्रवृति का था मृतक

- जमीन की खरीद-फरोख्त संग कई विवादित मामलों में डाल रखा था हाथ, कइयों से चल रही थी पंचायत

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बुधवार की रात महावीर मंदिर चौराहे पर जिस लेक्चरर अभिनव की गोली मारकर हत्या हुई थी उसकी मौत की वजह उसकी दबंगई बनी। क्योंकि लेक्चरर जैसे पद पर नौकरी करने वाले अभिनव को क्षेत्र के लोग मनबढ़ और दबंग के नाम से जानते थे। छोटी-छोटीबातों पर मारपीट करना अभिनव की आदत में शामिल था। हालांकि पुलिस इस हत्याकांड की जांच पुलिस कर रही है और अब तक हत्या की वजहों के पीछे नहीं पहुंच सकी है लेकिन आई नेक्स्ट की पड़ताल में जो चीजें सामने आई हैं वो चौंकाने वाली है। अभिनव के ऊपर जौनपुर में कुछ मुकदमे दर्ज हैं। शिवपुर में उसने पिछले दिनों छोटी सी बात पर हवाई फायरिंग कर दहशत फैलाई थी। इन्हीं हरकतों के कारण वो कइयों की नजरों पर चढ़ा था।

बस नाम का था लेक्चरर

अभिनव जीजीआईसी जंसा में लेक्चरर के पद पर पोस्टेड था। परिवार में पिता भी जौनपुर के एक कॉलेज में लेक्चरर हैं। चाचा भी जौनपुर में राजनैतिक रसूख रखते हैं और पूरे परिवार को कामकाज भी लंबा चौड़ा है। ईट भट्ठों का भी काम परिवार में होता है और अभिनव कुछ भट्ठों को भी देखता था। अभिनव के एक दोस्त ने बताया कि अभिनव पिछले कुछ दिनों से प्रॉपर्टी डीलिंग का भी काम करने लगा था। शिवपुर, बाबतपुर और कई इलाकों में जमीन की खरीद-फरोख्त में वो इंवॉल्व था। बुलेट से चलने वाले अभिनव की क्षेत्र में छवि भी बड़े मनबढ़ के रूप में थी। इलाके के कुछ दुकानदारों का कहना था कि विंध्यवासिनी नगर से लेकर खुशहालनगर और महावीर मंदिर से यूपी कॉलेज तक अभिनव की दबंगई चलती थी क्योंकि वो अकेले कभी रहता ही नहीं था। हमेशा आठ दस लड़के उसके साथ रहते थे और छोटी-छोटी बातों पर हंगामा करना इनकी आदत थी।

कॉल रिकार्डिग से खुलेंगे राज

अभिनव की हत्या का राज उसके मोबाइल में मौजूद कॉल रिकार्डिग की डिटेल से खुलने की उम्मीद है। पुलिस ने फोन का कब्जे में ले लिया है। परिवार वाले शिवपुर के जिस मनोज पर आरोप लगा रहे हैं उसकी तलाश भी पुलिस कर रही है। पुलिस सूत्रों की मानें तो कॉल रिकार्डिग 50 से ज्यादा हैं और बुधवार की सुबह नौ बजे से लेकर हत्या के पहले तक कई कॉल्स मनोज के नंबर पर की गई हैं और आई हैं। पुलिस को फोन रिकॉर्डिग में दोनों के बीच बातचीत में ये पता चला है कि अभिनव मनोज को किसी मामले में रास्ते से हटने के लिए कह रहा था। इसको लेकर ही दोनों में बातचीत भी होनी थी और अभिनव मनोज के कॉल पर ही घर से निकला था।

छह टीमें बनी, चार हिरासत में

पुलिस इस मामले में जांच को आगे बढ़ा रही है। मनोज सहित जो तीन नाम परिजनों ने बताये थे पुलिस उनकी तलाश कर रही है। हालांकि परिजनों की ओर से अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी आकाश कुलहरि का कहना है कि जांच और विवेचना में जिसका नाम सामने आयेगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। फिलहाल हत्यारों की तलाश में छह टीमें गठित हुई हैं और कैंट पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है।

सुराग में बिजली ने खड़ी की मुसीबत

पुलिस के लिए इस हत्याकांड को सुलझाना आसान हो सकता था क्योंकि जिस चौराहे पर हत्या हुई उस चौराहे के आस-पास दुकानों और बिल्डिंग में कई सीसी कैमरे लगे हैं। पुलिस ने कुछ कैमरों के फुटेज कब्जे में भी लिए हैं लेकिन मुसीबत ये है कि ये फुटेज अंधेरे के हैं क्योंकि हत्या के वक्त लाइट कटी हुई थी।