कीड़े करेंगे दिमाग तेज

अमेरिका के सेंट लुईस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी ने यह रिसर्च की है. स्टडी की लीडर एमेंडा.डी.मेलिन का कहना है कि इस रिसर्च को करने से पहले कई चैलेंज थे, यह स्टडी मनुष्य के दिमाग को ध्यान में रखते हुए करनी थी. स्टडी के अनुसार,' कीट-पतंगो के सेवन से दिमाग बहुत तेज चलने लगता है. दिमाग के सोचने और समझने की क्षमता बहुत हाई हो जाती है. मेलिन ने कहा कि हमारी इस स्टडी से मानव जाति को काफी कुछ सीखना पड़ेगा.जब खाने की कमी होगी तो इन्हीं कीटों को लोग अपने भोजन में इस्तेमाल करेंगे.  कीड़ो को खोज निकालने के लिए हमें एडवांस्ड टूल इस्तेमाल करने पड़ेंगे.

पांच साल चली स्टडी

रिसर्चस ने कोस्टारिका में 5 सालों तक कैपूचिन बंदर पर यह रिसर्च की. इस रिसर्च से काफी कुछ सामने आया कि कैसे भोजन को खोजा जाए जबकि वे या तो लुप्त हो चुके होंगे या फिर बहुत ही मुश्किल से प्राप्त होंगे. इस स्टडी का सबसे पहला प्रूफ यह मिला कि कैसे कैपोचिन बंदर के भोजन के लिए घूमने के पैटर्न में आया बदलाव. स्टडी के को आथर हिलेरी, क्रिस्टीयाना और लिंडा जो कि कैलगरी यूनिवर्सिटी से हैं, उनके अनुसार मानव जाति के कई लोग इन कीटों का सेवन करने की सलाह देते हैं ताकि यह आगे आने वाले समय के लिए एक प्रैक्टिस बन जाए. मेलिन का कहना है कि,' रिसर्च के दौरान हमने उस कैपोचिन बंदर में यह पाया कि उसने जब से इन कीड़ों को खाना शुरू किया तो धीरे-धीरे उसने अपने दूसरे भोजन और फल आदि को खाना कम कर दिया.'  

फैट और प्रोटीन से भरपूर

मेलिन के अनुसार,' अच्छी तरह से सुरक्षित और छुपे हुए कीड़े जो कि पेंड़ों पर रहते हैं. ये कीड़े काफी अच्छे माने जाते हैं और इनमें वसा और प्रोटीन काफी होता है, और यह फैट व प्रोटीन हमारे दिमाग के लिए फ्यूल का काम करता है.' हालांकि इस तरह के भोजन का सेवन कर पाना अभी तो काफी चैलेंजिंग है. मानव जाति के शुरूआत में वह पेंडों की छाल आदि का सेवन करता था. अब तो मार्डन ह्यूमन इन कीडों को कंज्यूम कर सकता है. इस स्टडी का कहना है कि जब मानव समुह भोजन के लिए सर्वाइव करेगा तो सही कीट-पतंगे हमारे स्किल को डेवलेप करने में हेल्पफुल होंगे. चीटिंयां, खटमल और घोंघा आदि कीट ही हमारे दिमाग को बिल्ड अप करने में हेल्प करेंगे. यह स्टडी जनरल ऑफ ह्यूमन इवोल्यूशन में प्रकाशित हुई थी.

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