मिलनसार स्वभाव का था मक्खन, बेटे-बेटियों को पढ़ाकर आगे बढ़ाना चाहता था

कुछ दिनों पहले ही खरीदा था एक मकान, खेती-बारी भी ठीक ठाक थी

नवाबगंज में हुए सामूहिक नरसंहार की घटना के पीछे पुलिस को सूचना देना ही था या और कुछ और कारण है। यह सवाल हर जुबान पर था। पुलिस को नामजद तहरीर मिली। इसी के आधार पर ताबड़तोड़ दबिश देकर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया। इसके बाद भी कोई इतने से संतुष्ट नहीं था कि हत्या का कारण सिर्फ पुलिस को सूचना देना था। स्थानीय लोगों का कहना था कि यदि यही सही कारण है तो पुलिस भी घटना के लिए दोषी है और उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

दबंगई दिखाने के लिए मार डाला

गावों में जाति प्रथा अब भी चरम पर है। मृतक साहू समाज से ताल्लुक रखते थे और हत्या करने वाले यादव परिवार के हैं। गांव वालों के अनुसार हत्यारोपी परिवार दबंग है। परिवार के सदस्यों के पास कहने को कोई काम धंधा नहीं है लेकिन उनकी बातें और रहन-सहन अच्छा खासा है। होली के मौके पर शिकायत और फिर पुलिस का पकड़ ले जाना उन्हें अखर गया था। मौके पर पहुंचे स्नेही क्लब के सदस्यों अमरनाथ गुप्ता, डॉ नीता साहू, संगम लाल, राज बहादुर गुप्ता, अशोक कुमार गुप्ता, गंगा प्रसाद गुप्ता, अशोक गुप्ता आदि ने बताया कि होली की घटना के बाद दबंग परिवार के सदस्य मृतक की बेटी को अक्सर छेड़ते थे। यह परिवार निहायत सज्जन था, शायद इसी के चलते उन्होंने बात को आगे न बढ़ाने का फैसला लिया और पुलिस को सूचना नहीं दी। इससे दबंगों का हौसला बढ़ गया और उन्होंने इस वारदात को अंजाम दे डाला। उन्होंने मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी के साथ उन्हें आर्थिक सहायता की मांग की है।

पोस्टमार्टम में रेप की पुष्टि

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस सुबह ही स्पॉट पर पहुंच गई थी लेकिन उसे बॉडी अपने कब्जे में लेने और उसका पोस्टमार्टम कराने में दोपहर हो गई। मृतकों के शव का पोस्टमार्टम तीन डाक्टरों के पैनल ने किया। इसमें एक डिप्टी सीएमओ शामिल थे। पुलिस की तरफ से पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। पोस्टमार्टम शाम करीब साढ़े पांच बजे तक चला। इसके बाद पुलिस ने बॉडी को परिवारवालों को सिपुर्द किया। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वंदना के साथ रेप की पुष्टि हुई है। चारों की हत्या भारी भरकम वस्तु से सिर पर वार करके की गई है।

पाचों आरोपी गिरफ्तार

रंजीत ने अपने पिता, मां और बहनों के हत्यारों के खिलाफ नामजद तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया। सीओ अलोक मिश्रा के मुताबिक शिव बाबू व भल्लू पुत्र जवाहर, नरेन्द्र यादव पुत्र नन्हें, अजय यादव पुत्र बांकेलाल व नवीन पुत्र सुशील के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं। सभी को देर शाम तक पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी करके गिरफ्तार कर लिया।

नग्नावस्था में थी वंदना की बॉडी

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कंफर्म हो गया लेकिन इससे पहले स्पॉट पर पड़ी बॉडी को देखने वाले अंदाजा लगा चुके थे कि वंदना के साथ हत्या से पहले कुछ हुआ है। वह लगभग नग्न अवस्था में थी। परिवार के चारो सदस्य एक ही कमरे में थे। तीन की बॉडी बेड पर थी जबकि वंदना की बॉडी कमरे से लगे स्थित गलियारे में पड़ी थी। स्पॉट देखने से अंदाजा लगाया गया कि हत्यारे पड़ोसी की छत से होकर मक्खन की छत तक पहुंचे। सीढ़ी से आंगन तक पहुंचने में कोई बाधा नहीं थी और घटनास्थल के कमरे का दरवाजा इतना मजबूत नहीं था कि वह एक झटके में टूट न जाए। आशंका जताई जा रही है कि हत्यारों ने पहले वंदना की इज्जत से खेला होगा। इसी दौरान मां-बाप की नींद खुल जाने पर उन्होंने चारों को एक साथ मौत के घाट उतारने का फैसला लिया होगा।

परिवार के चार सदस्यों की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी समेत अन्य सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुराने विवाद को लेकर अभियुक्तों ने हत्या की थी।

शलभ माथुर, एसएसपी

सीधे-सीधे सवालों में है पुलिस

घटना का कारण यदि होलिका दहन के पहले की घटना है तो सीधे-सीधे सवालों के घेरे में पुलिस भी आती है। वंदना ने पेड़ काटे जाने की सूचना डॉयल 100 को फोन पर दी थी। यह सीधे लखनऊ से कंट्रोल होता है। इस सूचना पर पुलिस एक्टिव हुई और आरोपी को पकड़ भी लिया। इसके बाद रुपए लेकर छोड़ भी दिया। छूटने के बाद गांव पहुंचे आरोपी को कैसे पता चला कि शिकायत वंदना ने की थी? स्थानीय लोग भी सीधे-सीधे कह रहे थे कि पुलिस ने ही आरोपी को यह कन्फर्म किया होगा। तभी वह छूटते ही धमकी देने पहुंच गया। इसका इम्पैक्ट यह हुआ कि वंदना और उनकी बहन पर आए दिन कमेंट और छेड़छाड़ होते थे लेकिन वह पुलिस को सूचना देने की हिम्मत नहीं जुटा सकीं। पब्लिक का ज्यादा गुस्सा इसी को लेकर था। आखिर पुलिस ने इस तरह की हरकत की क्यों? और की तो उसकी जवाबदेही क्यों नहीं तय होनी चाहिए?