- टीचर्स और मैनेजमेंट के बीच चल रहे विवाद में वीसी के इंटरफेरेंस के बाद फ्राइडे को ऑर्गेनाइज की गई मीटिंग

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : इस्लामिया कालेज आफ कॉमर्स में सैलरी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वीसी के कड़े रुख के बाद फ्राइडे को मैनेजमेंट और टीचर्स के बीच मीटिंग हुई। लेकिन इससे टीचर्स संतुष्ट नहीं दिखे। कालेज मैनेजमेंट ने शासनादेश के मुताबिक सैलरी देने का आश्वासन दिया है, साथ ही टीचर्स से कालेज में पढ़ाई जारी करने की अपील की है, जिससे कि स्टूडेंट्स को परेशानी न हो।

कम सैलरी से परेशान हैं टीचर्स

लंबे समय से कम सैलरी के बावजूद टीचिंग कर रहे टीचर्स ने अब शासनादेश के मुताबिक वेतन पाने के लिए कालेज प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। मामले को सॉर्ट आउट करने के लिए मैनेजर शरीफ अहमद ने फ्राइडे को टीचर्स से बातचीत की। मैनेजर ने बताया कि मैनेजमेंट सैलरी का निर्धारण व वितरण शासनादेश के अनुसार करने को तैयार है, अगर जुलाई एवं अगस्त की कोई धनराशि महाविद्यालय के जिम्मे वेतन मद में देय होगी तो उसका भी भुगतान सितंबर माह के वेतन के साथ कर दिया जाएगा।

कई बार मिल चुका है आश्वासन

इस मामले में टीचर्स का कहना है कि मैनेजमेंट पहले भी कई बार आश्वासन दे चुका है। टीचर्स ने डिमांड की है कि कालेज मैनेजमेंट बीते बीते सालों के आय-व्यय का ब्योरा सार्वजनिक करे और बताए कि क्या नियमानुसार वेतन भुगतान किया गया है। अगर नहीं तो क्या बीते वर्षो का बकाया भुगतान भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मैनेजमेंट पहले भी ऐसे खोखले आश्वासन देता रहा है। अब वे तभी क्लासेज में जाएंगे जब वेतन नियमानुसार मिल जाएगा।

शासनादेश के अनुसार में वेतन देने को हम पहले भी तैयार थे और आज भी हैं। टीचर्स का आरोप गलत और बेबुनियाद है। मैनेजमेंट आरोप के विवाद में पड़ना नहीं चाहता। छात्रहित में शिक्षकों से अपील है कि कालेज में पठन-पाठन शुरू करें।

- शरीफ अहमद, मैनेजर, इस्लामिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स