-पीडि़त ने वर्ष 2012 को कामर्शियल मोटर से खरीदा था एक ट्रक

-1 लाख 70 हजार रुपए नकद जमा करने के बाद 9 लाख 50 हजार का कराया था फाइनेंस

BAREILLY:

ट्रक ओनर को एक्सीडेंटल क्लेम न देना श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी को महंगा पड़ गया। जब पीडि़त की गुहार पर सुनवाई करते हुए कंज्यूमर फोरम ने 3,07,500 रुपए जुर्माना ठोंक दिया।

वाद की सुनवाई कर रहे कंज्यूमर फोरम सेकंड के अध्यक्ष विनोद कुमार ने आदेश दिया कि वह परिवादी को एक माह के अंदर ही जुर्माना राशि का भुगतान कर दे। अन्यथा उसे 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी देना होगा।

2012 में हुआ था एक्सीडेंट

बदायूं के बिसौली निवासी मोहम्मद जफर ने दायर किए वाद में बताया कि उसने वर्ष 2012 को एक ट्रक ट्रक खरीदा था, जिसका उसने 2 लाख 08 हजार नकद जमा करने के बाद 9,12,000 रुपए का श्रीराम जनरल इंश्योरेंस से फाइनेंस कराया था। ट्रक लेने के बाद जफर ने पहली किस्त 22 अगस्त 2016 को 28,000, दूसरी किस्त 27 सितम्बर 2016 को 29,000 और तीसरी किस्त 25 अक्टूबर 2016 को 30,000 रुपए भी जमा किए। इसी दौरान ट्रक ड्राइवर इकलास खां ट्रक से माल लेकर उत्तराखंड गया था। हरिद्वार में ट्रक का 26 अक्टूबर को एक्सीडेंट हो गया। जिसमें ट्रक ड्राइवर इकलास भी घायल हो गया। ट्रक एक्सीडेंट की सूचना मोहम्मद जफर ने बीमा कम्पनी को भी दी, तो कम्पनी से अश्वासन मिला कि क्षतिग्रस्त ट्रक को कामर्शियल मोटर बरेली भेजकर मरम्मत कराने के लिए कहा। पीडि़त ने क्षतिग्रस्त ट्रक लाने के लिए 35 हजार रुपए भी खर्च किए। पीडि़त ने जब क्षति का आंकलन कामर्शियल मोटर पर कराया तो उन्होंने 6 लाख 92,635 रुपए खर्च बताया। कामर्शियल मोटर शोरूम पर मोहम्मद जफर ने एक लाख रुपए मरम्मत अग्रिम जमा कर दिए।

बीमा कंपनी ने भी दिया तर्क

पीडि़त ने जब बीमा कम्पनी का आंकलन की गई क्षतिपूर्ति बताई तो बीमा कम्पनी ने कह दिया कि ट्रक ओनर ने समय से किस्त नहीं जमा की है। इसके साथ ट्रक एक्सीडेंट की सूचना भी तुरंत न देकर सात दिन बाद दी है। इसीलिए इसकी मरम्मत का भुगतान बीमा कम्पनी खारिज करती है। जबकि पीडि़त का आरोप था कि उसने ट्रक एक्सीडेंट वाले दिन ही बीमा कम्पनी को इसकी सूचना दी थी।

ऐसे हुआ निस्तारण

कंज्यूमर फोरम ने सुनवाई करते हुए ट्रक के मरम्मत पर खर्च हुए 4,09,998 रुपए का 75 प्रतिशत धनराशि का प्रतिपूर्ति के रूप में दिलाए जाने का औचित्य पाया। जिस पर बीमा कम्पनी पर 3,07,500 रुपए क्षतिपूर्ति और 3 हजार रुपए वाद के रूप में जुर्माना लगा दिया।