- पुलिस के साथ एलआईयू भी कर रहा पासपोर्ट आवेदनों की जांच

- बिना जरूरत पासपोर्ट सेल से एलआईयू के पास भेजी रही फाइल

- महिला थाने के बैरक में ही बना रखा है पासपोर्ट सेल

- अधर में लटके पड़े 10 हजार आवेदन पत्र

आई इन्वेस्टीगेट

मनोज बेदी

मेरठ। शहर में पासपोर्ट की जांच के नाम पर खेल चल रहा है, जिसमें नियमों को ताक पर रखकर एलआईयू जांच कराई जा रही है। आरोप है कि जांच के नाम पर आवेदकों को परेशान किया जाता है, बल्कि 'चाय-पानी' के लिए भी मजबूर किया जाता है। ऐसा न करने पर आवेदन कैंसल करने की धमकी दी जाती है।

पासपोर्ट के नियम

मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स ने पासपोर्ट बनवाने के नियम को आसान किया है। वहीें, पासपोर्ट डिपार्टमेंट ने पासपोर्ट आवेदन को आसान बनाते हुए दो साल पहले नियमों में ढील दी थी। जिसके तहत पासपोर्ट आवेदन पत्र में सिर्फ आवेदन करने वाले प्रार्थी केसंबंधित थाने का ही वेरिफिकेशन होगा। इसकी रिपोर्ट के बाद ही पासपोर्ट बन जाएगा।

ये चल रहा खेल

नियमों के इतर पासपोर्ट सेल के अधिकारी खुफिया विभाग को भी आवेदन पत्रों की जांच भेज रहे है, जिससे पासपोर्ट बनने में काफी समय लग रहा है। आलम यह है कि एलआईयू की जांच के बगैर 10 हजार पासपोर्ट आवेदन पत्र पासपोर्ट सेल में धूल फांक रहे है। इससे पहले कई पासपोर्ट आवेदन पत्र कैंसल भी हो चुके है।

ऐसे होती है जांच

महिला थाने के बैरक स्थित पासपोर्ट सेल में करीब एक महीने में 20 हजार से ज्यादा पासपोर्ट आवेदन पत्र जांच के लिए आते हैं। सूत्रों की मानें तो पासपोर्ट सेल के अधिकारी सेटिंग के चलते एक जांच खुफिया विभाग व दूसरी जांच संबंधित थानों को भेजते है। इसमें पुलिस की जांच तो आसानी से हो जाती है। लेकिन खुफिया विभाग की जांच आने में काफी समय लग जाता है। जिससे पासपोर्ट आवेदन पत्र अधर में लटक जाता है।

क्या है प्रक्रिया

मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स विभाग के अधीन पासपोर्ट कार्यालय में आवेदनों की पुलिस वेरिफिकेशन के लिए पासपोर्ट डिपार्टमेंट पुलिस पासपोर्ट सेल को आवेदन भेजता है। इसके बाद पुलिस पासपोर्ट सेल के अधिकारी आवेदन पत्रों को ऑनलाइन ही संबंधित थाने में वेरिफिकेशन के लिए भेजते हैं। वहां से वेरिफिकेशन के बाद पुलिस पासपोर्ट सेल दोबारा से पासपोर्ट कार्यालय को जांच भेजती है। इसके बाद ही पासपोर्ट बनकर तैयार होता है। बिना जांच के पासपोर्ट नहीं बनता।

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पासपोर्ट बनवाने के लिए प्रार्थी की संबंधित थाने की वेरिफिकेशन ही काफी है। एलआईयू के फिजिकल वेरिफिकेशन का कोई नियम नहीं है।

-अजय सहदेव

एसपी क्राइम व पासपोर्ट सेल अधिकारी

अगर उनके पास कोई जांच आती है तो वह करवा देते है। जबरन किसी की जांच नहीं करवाई जाती।

-विनोद शर्मा

एलआइयू डीएसपी मेरठ

ये है स्थिति

- 3500 रुपये फीस जमाकर तत्काल में बन जाता है पासपोर्ट

- 1500 रुपये फीस जमाकर साधारण तरीके से करीब एक महीने में बनता है पासपोर्ट

- 20 हजार से ज्यादा आवेदन एक महीने में आते हैं जांच के लिए

- 5 लाख से ज्यादा लोगों के शहर में बने हुए पासपोर्ट

- 10 हजार आवेदन पत्र एलआईयू जांच के चक्कर में लटके

- 5 हजार पासपोर्ट इन दिनों बनने को हैं तैयार

- 15 हजार पासपोर्ट जांच में छह महीने में हो चुके हैं कैंसिल