अफगानिस्तान से आए थे पूर्वज
सलीम खान का जन्म 24 नवंबर 1935 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। सलीम के पूर्वज अफगानिस्तानी थे, करीब 150 साल पहले वे भारत आ गए। सलीम के पिता पुलिस में नौकरी करते थे। ऐसे में उनके मन में भी कई बार पुलिस में भर्ती होने का ख्याल आया लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती गई उनको फिल्मी दुनिया आकर्षित करने लगी। 22 साल की उम्र में सलीम हीरो बनने मुंबई आ गए।
मुंबई आए हीरो बनने, कर ली शादी
सलीम उस वक्त नौजवान थे, उनकी आंखों में हीरो बनने के सपने पलने लगे। वह मुंबई में इधर-उधर भटकते थे लेकिन कहीं काम नहीं मिला। सलीम को तलाश थी एक ऐसे शख्स की, जो उन्हें फिल्मी दुनिया में पहचान बना दे। तभी 1964 में सलीम को एक ब्राह्मण लड़की सुशीला चरक से प्यार हो गया। सलीम ने उनसे शादी कर ली, शादी के बाद सुशीला ने अपना नाम सलमा रख लिया। सलीम खान को प्यार तो मिल चुका था, लेकिन उनका करियर अभी पटरी पर नहीं आया।
शादी में मिला था ऑफर
एक दिन सलीम किसी फिल्मी पार्टी में गए, वहां निर्देशक के. अमरनाथ की नजर सलीम पर पड़ी। सलीम की कद-काठी और चेहरा अमरनाथ को पसंद आ गया। उन्होंने सलीम को अगले दिन अपने ऑफिस बुला लिया। सलीम को जिसकी तलाश थी, वो उन्हें मिल चुका था। अमरनाथ ने सलीम को 400 रुपये सैलरी पर रख लिया। यहीं से सलीम के फिल्मी करियर की शुरुआत हुई, सलीम उस वक्त बतौर एक्टर छोटे-मोटे रोल किया करते थे।
एक्टिंग छोड़ कलम को हाथ में पकड़ा
एक्टर के तौर पर सलीम खान ने लगभग 14 फिल्मों जैसे, 'तीसरी मंजिल', 'सरहदी लूटेरा', 'दीवाना', 'वफादार' इत्यादि में छोटे छोटे रोल किए लेकिन दर्शकों के दिलों में जगह नहीं बना पाए। सलीम के मन में अभी भी कुछ न कुछ खटक रहा था, वो मुंबई जो हासिल करने आए थे वो मुकाम उन्हें नहीं मिल पा रहा था। बसी इसी कश्मकश में एक दिन सलीम की मुलाकात जावेद से हुई। जावेद ने उन्हें फिल्मों की कहानी लिखने की सलाह दी। एक इंटरव्यू में सलीम खान ने कहा था,कि असल में उन्होंने लेखन का कोई खास शौक नहीं था लेकिन वो अपने दोस्तों के लिए प्रेम पत्र लिखा करते थे। जिससे उनकी लेखनी का सफर शुरू हुआ। उस जमाने के सुपरस्टार राजेश खन्ना ने पहली बार सलीम-जावेद को अपनी फिल्म 'हाथी मेरे साथी' का स्क्रीनप्ले लिखने का मौका दिया। यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई, और सलीम-जवोद का युग प्रारंभ हो गया।
सलीम-जोवद की जोड़ी रही सुपरहिट
सलीम-जावेद की जोड़ी ने लगभग 25 फिल्मों में एक साथ लिखने का काम किया जिनमें कुछ सुपर डुपर हिट फिल्में भी थी। इनमें 'यादों की बारात', 'जंजीर', 'मजबूर', 'हाथ की सफाई', 'दीवार', 'शोले', 'डॉन', 'त्रिशूल', 'शान', 'शक्ति' जैसी फिल्में शामिल हैं। सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी 70 और 80 की दशक में सबसे ज्यादा मेहनताना पाने वाली राइटर जोड़ी बन चुकी थी। हालांकि बाद में 25 साल साथ काम करने के बाद जावेद अलग हो गए और यह मशहूर जोड़ी टूट गई।
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