Story by : abhishek.tiwari@inext.co.in
@abhishek_awaaz

राजनीतिक उठापटक :

देश में सिर्फ दो तरह के नेताओं की चर्चा होती है। पहले वो जोकि अपने काम और अंदाज से जनता के चहेते बनते हैं। वहीं दूसरे नेता वो होते हैं जो राजनीति से इतर अपनी निजी जिंदगी को लेकर सुर्खियों में छाए रहते हैं। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके नारायण दत्त तिवारी...एन.डी तिवारी अक्सर विवादों में रहे हैं, खैर अभी उनके राजनीति जीवन पर नजर डाल लें। साल 1942 की बात है में एन.डी तिवारी ब्रिटिश सरकार की साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ नारे वाले पोस्टर और पंपलेट छापने और उसमें सहयोग के आरोप में पकड़े गए। उन्हें गिरफ्तार कर नैनीताल जेल में डाल दिया गया। इस जेल में उनके पिता पूर्णानंद तिवारी पहले से ही बंद थे। 15 महीने की जेल काटने के बाद वह 1944 में आजाद हुए। बस यहीं से तिवारी जी के अंदर राजनीति की लौ जल उठी। इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने जनता के बीच अपनी पैठ जमाई और एक बड़े नेता के रूप में उभरे। एन.डी तिवारी ने न सिर्फ एक राज्य बल्िक दो राज्यों के सीएम पद की कुर्सी संभाली, साथ ही केंद्र में भी महत्वपूर्ण पद पर पहुंचे।

1991 में चुनाव न हारते तो प्रधानमंत्री बन जाते यूपी के यह मुख्‍यमंत्री
उत्तर प्रदेश में तीन बार बने मुख्यमंत्री
एन.डी तिवारी के 1952 के प्रथम आम निर्वाचन में समाजवादी पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गये। 1957 में वे पुन: विधान सभा पहुँचे। परंतु 1962 और 1967 में उन्हें सफलता नहीं मिली। इस बीच 1965 में वे कांग्रेस में सम्मिलित हो गये थे। 1969 के मध्याविधि चुनाव में विजयी होने पर तिवाजी जी उत्तर प्रदेश में मंत्री बने। इसके बाद प्रथम बार 1976 में, दूसरी बार 1984 में, तीसरी बार 1988 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला।
उत्तर प्रदेश के वो मुख्यमंत्री, जिन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए 10 हजार रुपये का इनाम रखा गया

1991 में चुनाव न हारते तो प्रधानमंत्री बन जाते यूपी के यह मुख्‍यमंत्री
उत्तराखंड के सीएम भी बने
वे केंद्र में योजना मंत्री, उद्योग मंत्री, पेट्रोलियम और विदेश मंत्री के पद पर काम कर चुके हैं। एन.डी तिवारी कुछ समय तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। 1993 और 1997 के संसदीय चुनाव में असफल रहने के बाद वे 1999 में फिर सांसद चुने गये। 2002 के निर्वाचन में उत्तरांचल में कांग्रेस को बहुमत मिलने पर उन्हें वहाँ का मुख्यमंत्री बनाया गया। एन.डी तिवारी ने अपने राजनीतिक जीवन में कई पार्टिंयां बदली हैं। पहले समाजवादी, फिर कांग्रेसी और अब भाजपाई... हालांकि एनडी तिवारी ने बीजेपी ज्वॉइन नहीं की लेकिन उनका बेटा रोहित भाजपा में शामिल हो गया है।
सिर्फ 19 दिन सीएम कुर्सी पर बैठने के लिए चुनाव लड़े थे यूपी के यह मुख्यमंत्री

1991 में चुनाव न हारते तो प्रधानमंत्री बन जाते यूपी के यह मुख्‍यमंत्री
व्यक्ितगत जीवन :
नारायण दत्त तिवारी का जन्म 18 अक्तूबर, 1925 ई. को ग्राम बल्यूरी, पदमपुरी ज़िला नैनीताल में हुआ था। उनके पिता पूरन चंद तिवारी भी स्वतंत्रता सेनानी थे। एन.डी तिवारी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की। तिवारी जी का निजी जीवन कभी भी बंद कमरे में नहीं रहा। साल 2008 की बात है जब दिल्ली में रहने वाले रोहित शेखर और उसकी मां उज्ज्वला शर्मा ने कोट में एक केस दायर किया, जिसमें रोहित को एन.डी तिवारी का बेटा बताया गया था। अदालत ने मामले की सुनवाई की और अदालत के ही आदेश पर डीएनए जांच के लिए एन.डी तिवारी को अपना खून देना पड़ा था। जिसमें साबित हुआ कि रोहित शेखर ही उनके बेटे हैं। इसके बाद साल 2014 में आखिरकार तिवारी जी ने रोहित को अपना बेटा कबूल कर लिया और उज्ज्वला के साथ लखनऊ में शादी की। उस वक्त एन.डी तिवारी की उम्र 89 साल थी। इस से पहले तिवारी ने 1954 में डॉ. सुशीला सानवाल से शादी की थी। 2001 में उनका देहांत हो गया था।
सबसे लंबे समय तक राज करने वाले यूपी के यह सीएम, जो कभी वोट मांगने नहीं गए

1991 में चुनाव न हारते तो प्रधानमंत्री बन जाते यूपी के यह मुख्‍यमंत्री
तिवारी जी की विवादित सीडी
नाजायज बेटे की बात फिर भी सही थी लेकिन एन.डी तिवारी इससे बड़े विवाद में फंस चुके हैं। साल 2009 की बात है, जब वह आंध्रप्रदेश के राज्यपाल थे। उस समय एक चैनल पर तिवारी जी का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह कुछ महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे थे। तब एन.डी तिवारी की उम्र 85 साल थी। इसके बाद हैदराबाद में गवर्नर हाउस के बाहर महिला संगठनों ने प्रदर्शन कर के मांग की कि तिवारी गवर्नर पद से इस्तीफा दें।तिवारी कुछ समय गवर्नर बने रहने की ज़िद पर अड़े रहे लेकिन फिर कांग्रेस आलाकमान के दबाव में इस्तीफा दे दिया।

1991 में चुनाव न हारते तो प्रधानमंत्री बन जाते यूपी के यह मुख्‍यमंत्री

कानपुर से चुनाव जीतकर ये उत्तर प्रदेश ही नहीं देश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं

Interesting News inextlive from Interesting News Desk

 

Interesting News inextlive from Interesting News Desk