बंद किए internal work

रिस्ट्रक्चरिंग में भेदभाव को लेकर इनकम टैक्स कर्मचारियों का आंदोलन मंडे से जारी है। दो दिन ग्रुप बी, सी व डी के कर्मचारियों ने धरना दिया और वेडनसडे से एक साथ कई ऑफिशियल वर्क करने से हाथ खड़े कर दिए। जिसमें सर्च, सर्वे, टीडीएस कलेक्शन, स्पॉट वेरिफिकेशन, स्टेटमेंट, पार्लियामेंट क्वेश्चन शामिल हैं। साथ ही यह भी डिसाइड किया गया अगर कोई केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का ऑफिसर आता है तो उसे ऑफिस के भीतर नहीं घुसने दिया जाएगा।

क्या होगा नुकसान

31 मार्च को हर साल फाइनेंशियल इयर की क्लोजिंग होती है। इसके चलते एक जनवरी के बाद से इनकम टैक्स की वर्किंग तेज हो जाती है। इस दौरान व्यापारियों के यहां रेड, बिजनेस सर्वे और टीडीएस कलेक्शन शुरू हो जाता है। लेकिन, कर्मचारियों के आंदोलन के चलते ये सभी काम लटक से जाएंगे। डिपार्टमेंट के सोर्सेज बताते हैं कि हर वीक फ्राइडे को ज्वाइंट कमिश्नर के साथ मीटिंग में बताना पड़ता है कि किस व्यापारी से कितना टैक्स वसूला गया। नेक्स्ट मीटिंग से कर्मचारी यह जानकारी भी नहीं देंगे। इससे डिपार्टमेंट की वर्किंग इफेक्टेड हेागी।

सबसे बड़ा loss यहां होगा

केवल इलाहाबाद में इनकम टैक्स के 350 कर्मचारी इस आंदोलन में इनवॉल्व हैं। बताया जाता है कि डिस्ट्रिक्ट से डिपार्टमेंट को सबसे ज्यादा कलेक्शन टीडीएस से मिलता है। सेंट्रल, स्टेट कर्मचारियों सहित कंपनी व फर्म के हजारों कर्मचारियों का टीडीएस काटने का जिम्मा डिपार्टमेंट का है। एग्जाम्पल के तौर पर केवल एजी ऑफिस में लगभग 1500 कर्मचारियों का टीडीएस कलेक्शन किया जाता है। आंदोलन के चलते यह प्रॉसेस भी पूरी तरह ठप हो जाएगा।

क्यों चल रहा है विरोध?

रिस्ट्रक्चरिंग के तहत कोर कमेटी द्वारा सीसीए रीजन लखनऊ के साथ किए जा रहे भेदभाव से फिलहाल इनकम टैक्स के कर्मचारी खफा हैं। महासंघ वर्ग ग के जोनल सचिव दीपक सिंह ने बताया कि इससे कर्मचारियों का प्रमोशन रुक जाएगा। उन्होंने बताया कि मांगे नहीं माने जाने पर आंदोलन और जोर पकड़ सकता है। बता दें कि इनकम टैक्स कर्मचारियों ने 20 और 21 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल में शामिल होने का भी फैसला किया है।