PATNA : राजधानी में राष्ट्रीय स्तर के एक्वेरियम बनाने के निर्णय लिया गया है। यहां पर 400 से अधिक प्रजातियों की रंगीन ज्वेल मछलियों को रखा जाएगा, जिसे लोग देख सकेंगे। इसके लिए स्थानीय विद्यापति मार्ग स्थित जिला मत्स्य कार्यालय और तालाब की जगह तीन मंजिला भवन का निर्माण होगा। इतना ही नहीं यहां पर मछली पालन की योजनाओं का संचालन के साथ लोगों को दुनियाभर की मछलियों के बारे में जानकारी मिलेगी।

प्रथम तल पर होगा एक्वेरियम

पटना में अब तक सिर्फ चिडि़याघर में ही मछली घर है। पटना संग्रहालय से सटा जिला मत्स्य कार्यालय और तालाब जीर्ण-शीर्ण हाल में है। इस भूमि को विकसित कर रेनवाटर हार्वेस्टिंग से तालाब में मछली पालन भी संभव हो सकेगा। ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग और प्रथम तल पर एक्वेरियम का निर्माण कराया जाएगा। दूसरे तल पर जिला मत्स्य कार्यालय और तीसरी मंजिल पर मत्स्य विभाग के उप-निदेशक कार्यालय का संचालन होगा।

बनाया जा रहा डीपीआर

सरकार ने एक्वेरियम हाउस के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी है। अब डीपीआर के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। योजना मद पर 10 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। डीपीआर में वर्तमान तालाब को संरक्षित रखते हुए एक्वेरियम हाउस को दर्शनीय बनाने का प्रावधान किया जाएगा।

ऐसा होगा एक्वेरियम हाउस

एक्वेरियम हाउस में प्रवेश के बाद लोगों को ऐसा लगेगा मानो वे समुद्र के बीच सैर कर रहे हों। चारों तरफ पानी और रंगीन ज्वेल

मछलियों के बीच सैर का आनंद पटना के साथ राज्य भर के लोग कर सकेंगे। कांच के बने घर में 400 से अधिक प्रजाति की ज्वेल मछलियों के अलावा राजकीय मछली मांगुर की गैलरी होगी।

-फार्मिग मछलियों की गैलरी

बिहार सहित अन्य प्रदेशों में किसानों द्वारा उत्पादित की जाने वाली मछलियों में रोहू, कतला, झींगा, रीठा, पंगेसियस, टेंगरा, बचवा सहित अन्य प्रजाति की मछलियों को देखने और उसके बारे में पूरी जानकारी किसान यहां ले सकेंगे। मछली पालन वाले किसानों को एक छत के नीचे मत्स्य विकास की योजनाओं की जानकारी भी मिलेगी।

सरकार ने एक्वेरियम हाउस सह मत्स्य संसाधन भवन निर्माण के लिए सहमति दे दी है। जल्द ही डीपीआर को अंतिम रूप देकर निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी।

बिपिन शर्मा, मत्स्य संसाधन अधिकारी