शुआट्स में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन

ALLAHABAD: शेफर्ड इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की ओर से आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का समापन बृहस्पतिवार को हुआ। डॉ। देवेन्द्र मोहन, आईआईटी बीएचयू ने भूजल में बढ़ रहे आर्सेनिक की मात्रा से होने वाले खतरे एवं मानव जीवन पर इसके व्यापक प्रभाव के बारे में प्रस्तुति दी। प्रो। अशोक तिवारी अल्ट्राटेक सीमेंट ने एक अध्ययन का सुझाव दिया। जिससे जीजीबीएस के उपयोग को सीमेन्ट प्रतिष्ठापन एवं अन्य स्टील व लावा के रूप में समेकित प्रतिस्थापन के रूप में विभिन्न संरचनात्मक कंक्रीट के कार्बन फुटप्रिन्ट कम करने की संभावना का पता लगाता है।

डिजिटल सिग्नल की तकनीक समझाई

डॉ। एलेन माइकलसन, ऐसोसिएट प्रोफेसर कलोराडो यूनिवर्सिटी अमेरिका ने शोध प्रस्तुति के द्वारा समझाया कि सिलिकान फोटोनिक सर्किट से आप्टिकल फाइबर तक डिजीटल सिग्नल को आगे बढ़ाने के लिए प्रभावी तकनीक है। सम्मलेन में देश तथा विभिन्न देशों के प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। इसमें डॉ। लोक सी लेव यान डीन वेस्ट जार्जिया करोलटन, नितिन त्रिपाठी थाईलैंड, डॉ। राजेश गुप्ता, डॉ। मयंक पाण्डे, डॉ। शेखर वर्मा आईआईआईटी समेत आईआईटी एवं एनआईटी के कई वरिष्ठ प्रोफेसरों ने महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सुझाव प्रस्तुत किये।