- पीएम मोदी को करीब देख बेकाबू हुए लखनवाइट्स

- मुस्कुराते हुए गुजरे पीएम, कई लोगों से मिलाया हाथ

LUCKNOW:दुनिया की सबसे ताकतवर शख्सियतों में शुमार व्यक्ति यदि केवल एक हाथ की दूरी पर हो तो लोगों की दीवानगी बढ़ना स्वाभाविक है। कुछ ऐसा ही हाल आज सुबह रमाबाई अंबेडकर मैदान में देखने को मिला जब प्रधानमंत्री को इतना करीब देख लोग उन्हें छूने को बेताब दिखे। बारिश के बावजूद उनके स्मार्ट फोन के कैमरे चमक रहे थे और पीएम के साथ एक सेल्फी लेने की लगातार गुहार लगा रहे थे। पीएम मोदी ने भी उन्हें ज्यादा निराश नहीं किया और जिस अंदाज में उन्होंने योग किया, उसी तरह मुस्कुराते हुए उनके कैमरों में भी कैद होते रहे। कुछ लोगों ने उन्हें छूने के लिए बैरीकेडिंग से कूदने की कोशिश की तो पीएम ने उनसे आगे बढ़कर हाथ मिलाते हुए ऐसा करने से रोक दिया।

क्भ् घंटे के दौरे के अद्भुत भ्0 मिनट

यूं तो पीएम का राजधानी दौरा क्भ् घंटे का था लेकिन अंतिम भ्0 मिनट लखनवाइट्स के दिलों पर गहरी छाप छोड़ गये। बुधवार सुबह की शुरुआत मानसून की दस्तक से हुई लेकिन अंधेरे में भी रमाबाई अंबेडकर मैदान की ओर बढ़ने वाले कदम थम नहीं रहे थे। पीएम के मैदान में आते ही लोगों का जोश उफान मारने लगा। मैदान में चारों ओर 'मोदी-मोदी' और 'एक ही नारा, एक ही नाम, जय श्रीराम, जय श्रीराम' के नारे गूंजने लगा। मोदी ने वहां करीब भ्0 मिनट का समय बिताया। करीब क्क् मिनट तक कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद सुरक्षा घेरा छोड़कर बाहर निकले तो राज्यपाल और मुख्यमंत्री आदि पीछे चल दिए। पीएम ने उन्हें पहले ही रोक दिया और अकेले की जनता के सामने से गुजरते हुए बच्चों के पास चले गये और ख्0 मिनट तक वहां योगाभ्यास किया। इसके बाद फिर उसी अंदाज में उन्होंने वापसी की और बिना मंच पर रुके सीधे अपनी गाड़ी में बैठकर एयरपोर्ट की ओर रवाना हो गये।

सियासी आसन में भी महारत

अपने दो दिन के राजधानी दौरे के दौरान पीएम ने दिखा दिया कि वह योग के साथ सियासत के सारे आसन भी बखूबी जानते हैं। एकेटीयू में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने जीएसटी को लेकर विपक्ष की सराहना कर राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों की लकीर खींची। रात में मुख्यमंत्री आवास पर हुए रात्रिभोज में उन्होंने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को भी खास तवज्जो दी जिससे यूपी की सियासत में नये समीकरण बनने की संभावना जताई जाने लगी। पीएम ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री की तारीफ कर पार्टी कैडर को भी संकेत दे दिया कि यूपी की बागडोर पूरी तरह नाईक और योगी के हाथों में ही है। वहीं यूपी पर पूरे देश की नजरें होने की बात कहकर यह संकेत भी दिया कि शासन में किसी तरह की लापरवाही का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।