-केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट को दी जानकारी

-ठेकेदार ने कहा, निर्माण में देरी की वजह सिर्फ वही नहीं

रांची : रांची-जमशेदपुर सड़क (एनएच - 33) के निर्माण में आर्थिक गड़बड़ी की जांच शुरू कर दी गई है। कारपोरेट मंत्रालय की एजेंसी एसएफआइओ इसकी जांच कर रही है। जांच एजेंसी ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस जारी कर दिया है। जांच के लिए एमके साहू और जगमोहन हुड्डा को अनुसंधान अधिकारी भी नियु1त कर दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को यह जानकारी हाई कोर्ट को दी गई। इस पर सुनवाई के बाद जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की अदालत ने सभी पक्षों को 29 जनवरी तक प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया।

पैसे की कमी नहीं

सुनवाई के दौरान संवेदक की ओर से अदालत को बताया गया कि उसके खिलाफ जो अवमानना का नोटिस जारी किया गया है वह उचित नहीं है। संवेदक कंपनी के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। कंपनी यह काम पूरा करेगी। काम पूरा करने के लिए उसे समय दिया जाए। कंपनी की ओर यह भी कहा गया कि सड़क निर्माण में जो देरी हो रही है इसके लिए सिर्फ वह जि6मेदार नहीं है। कई काम दूसरी एजेंसियों ने भी समय पर पूरा नहीं किया है। जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण 1िलयरेंस का मामला निपटाए बिना ही कार्यादेश दे दिया गया। बाद में इन सब के कारण भी काम प्रभावित हुआ है।

टेंडर रद करने पर ज्यादा समय

एनएचएआइ की ओर से बताया गया कि सड़क निर्माण का काम 50 फीसदी पूरा होने पर ही वह सड़क को अपने अधीन ले सकता है। लेकिन अभी तक 50 फीसद काम पूरा नहीं हुआ है। ऐसे समय में अगर टेंडर रद किया जाता है तो नया टेंडर जारी करने में समय लगेगा और इससे प्रोजे1ट और पीछे चला जाएगा। एनएचएआइ इस मामले में पूरा सहयोग कर रहा है।

लीज और अधिग्रहण की बाधा 2ात्म

राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि माइनिंग लीज और जमीन अधिग्रहण के मामले की बाधा समाप्त कर दी गई है। बुंडू के पास जमीन पर जिस भवन का मामला उठाया गया था वह रैयती जमीन पर है। यदि यह निर्माण में बाधा है, तो सरकार उस जमीन का अधिग्रहण कर सकती है।