- सेल्स टैक्स अधिकारी पर हमले में पुलिस चला रही अंधेरे में तीर

- सेल्स टैक्स में नान रजिस्टर्ड फर्मों का चलता है बड़ा खेल

- विभाग की बेरुखी का फायदा उठाते हैं व्यापारी

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KANPUR। सेल्स टैक्स अधिकारी पर हुए जानलेवा हमले के 7ख् घंटे से ज्यादा हो गए हैं लेकिन पुलिस अभी भी हमलावरों से काफी दूर है। पुलिस की जांच की सुई सिर्फ विभागीय लेनदेन की ओर ही टिकी है। सेल्स टैक्स विभाग में लेनदेन तो कई स्तरों पर होता है। लेकिन सबसे ज्यादा लेनदेन नान रजिस्टर्ड फर्मों के माध्यम से होता है। सिटी में जितनी फर्मों का रजिस्ट्रेशन है। उतनी ही फर्में नान रजिस्टर्ड हैं। इन नान रजिस्टर्ड फर्मों से भी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को मोटी कमाई होती है। पिछले एक साल में सैकड़ों नान रजिस्टर्ड फर्मों पर विभाग ने नकेल कसी है फिर भी अभी खेल चल रहा है।

ख्भ्0 से ज्यादा पकड़ी जा चुकी हैं नान रजिस्टर्ड फर्में

सेल्स टैक्स विभाग में पिछले एक साल में करीब ख्भ्0 से ज्यादा नान रजिस्टर्ड फर्में पकड़ में आ चुकीं हैं। एसआईबी की टीम समय-समय पर अभियान चलाकर इन पर कार्रवाई करती रहती है। करीब म् माह पहले नान रजिस्टर्ड फर्मों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया गया था। सेल्स टैक्स विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ऐसी फर्मों पर कड़ी निगाह रखी जाती है। वहीं विभागीय सूत्रों का दावा है कि सिटी में सैकड़ों ऐसी फर्में धड़ल्ले से चल रही हैं। जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।

ख्भ्00 से ज्यादा फर्मे नान रजिस्टर्ड

सिटी में ख्भ्00 से ज्यादा फर्मों के अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि इन फर्मों के माध्यम से सीधे टैक्स की चोरी जाती है। जो सरकारी राजस्व पर तगड़ी चपत है। सिटी में जितनी फर्में रजिस्टर्ड हैं उतनी ही फर्में नान रजिस्टर्ड हैं। सेल्स टैक्स के नियमों के अनुसार क्0 लाख के एनुअल टर्नओवर से ऊपर की फर्मों का रजिस्ट्रेशन जरूरी है। जबकि हकीकत ये है कि कई फर्में एक करोड़ से अधिक टर्नओवर करती हैं लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं कराती हैं।

तीसरे स्तर पर सबसे ज्यादा खेल

सिटी में व्यापारियों व कारोबारियों के तीन स्तर माने जाते हैं। पहले स्तर में वे व्यापारी हैं। जो बाहर से माल लाकर सिटी के व्यापारियों को बेचते हैं। दूसरे स्तर में वे व्यापारी हैं। जो सिटी में माल खरीदकर सिटी में व्यापारियों को बेचते हैं। या सीधे कस्टमर्स को माल बेचते हैं। तीसरे स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग करने वाले व्यापारी आते हैं। इनमें तीसरे स्तर पर ही व्यापार में सबसे ज्यादा खेल होता है। इसी स्तर पर टैक्स चोरी भी सबसे ज्यादा होती है।

क्000 करोड़ की होती है टैक्स चोरी

सिटी में नान रजिस्टर्ड फर्मो से साल भर में क्000 करोड़ से ऊपर की टैक्स चोरी की जाती है। जो सरकारी राजस्व पर तगड़ा झटका है.रजिस्ट्रेशन न कराकर व्यापार करने पर इनके ऊपर कोई कार्रवाई भी नहीं होती है।

छापेमारी तक का तय है रेट

सेल्स टैक्स आफिस में हर खण्ड से लेकर छापेमारी तक में इनका रेट तय होता है। किस खण्ड में अगर कोई एक फर्म जो रजिस्ट्रेशन के बिना चल रही है। तो उसे खण्ड से छापेमारी टीम तक सबको हिस्सा देना होता है। बस हिस्सा दो और काम करते रहो। एक नान रजिस्टर्ड फर्म को उसके टर्नओवर के हिसाब से पैसा देना होता है। अगर किसी फर्म का सालाना टर्नओवर क्0 लाख से क्भ् लाख के ऊपर है। तो उससे 70-80 हजार तक लिए जाते हैं। जैसे-जैसे टर्नओवर बढ़ता है। रेट भी बढ़ता जाता है।

एक नजर इधर भी डालें

सिटी में नान रजिस्टर्ड फर्में- ख्भ्00

पिछले साल पकड़ी गई फर्मे- ख्भ्0

अनुमानित टैक्स चोरी- क्ख्00 करोड़

एक साल में पकड़ी गई फर्जी फमर्1ें - क्800

वर्जन:

फर्जी फर्मों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई होती रहती है।

- हरिनाथ सिंह, एसआईबी प्रभारी