-पहले ट्रांसफॉर्मर अब आईपीडीएस जंक्शन बॉक्स में लग रही आग

-जिम्मेदारी लेने से भाग रहे अधिकारी, आखिर कौन है इसका जिम्मेदार

VARANASI

इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम यानि (आईपीडीएस) योजना जिसके तहत पुराने शहर में फैले बिजली के तारों को भूमिगत करने का काम किया जा रहा है। पहले फेज में 432 करोड़ की लागत से घाट से 8 किमी लंबाई और 2 किमी चौड़ाई में लगभग 90 फीसदी से ज्यादा काम पूरा भी हो चुका है। जगह जगह लगे आईपीडीएस जंक्शन बॉक्स से को देखकर लोग संतुष्ट थे कि हवा में लटकते तारों के जंजाल से अब मुक्ति मिल गई। लेकिन अब यही बॉक्स आग उगलने लगे हैं। जिसके चलते लोगों में दहशत है। जी हां आईपीडीएस वर्क पूरा होने के बाद लोगों को बिना रूकावट बिजली तो मिल रही है। लेकिन अब इसमें भी ट्रांसफॉर्मर जैसी खराबी और आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी है। पिछले कुछ दिनों में डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में आग लगने की ऐसे कई घटनाएं सामने आई है, जिससे लोगों का आईपीडीएस से भी विश्वास उठने लगा है।

विभाग खतरे से अंजान

कुछ दिन पहले रेवड़ी तलाब क्षेत्र में आईपीडीएस डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में आग लगने से जहां हड़कंप मच गई थी। वहीं रविवार को एक बार फिर सिद्धिगिरी बाग में भी डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में आग लगने की घटना सामने आई। इससे पहले भगवानपुर क्षेत्र में भी भूमिगत केबल में खराबी आने के कारण क्षेत्रवासियों को 32 घंटे तक बिजली गुल होने का दंश झेलना पड़ा था। ये सभी घटनाएं शहरवासियों को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर रहीं हैं। विभागीय अधिकारियों इस समस्या को मानने के बजाए दूसरे की जिम्मेदारी कहर पल्ला झार रहे है।

आईपीडीएस डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में आग लगने की घटना से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। आईपीडीएस की निगरानी का काम पूवरंचल विद्युत वितरण निगम का है।

-नवीन श्रीवास्तव, जीएम-आईपीडीएस

आग लगने की घटना जहां हुई है वो हमारा कार्य क्षेत्र है ही नहीं। इसलिए उस पर कुछ कहा नहीं जा सकता। जिसका क्षेत्र है वहीं समझे।

-आरडी सिंह, नोडल ऑफिसर आईपीडीएस