-लगभग डेढ़ साल पहले वायर्स को अंडरग्राउंड करने के लिए खोदी गई सड़कें और गलियां अब तक नहीं हुई हैं ठीक

- शहर में इधर-उधर लटके तारों के जंजाल से मुक्ति दिलाने के लिए केन्द्र सरकार की IDPS योजना की समीक्षा में आई बातें सामने

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अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में सांसद बनने के बाद जब पहली बार पीएम मोदी का आना हुआ तो उन्होंने दशाश्वमेध घाट से ही बनारस को इधर उधर लटके बिजली के तारों से बनारस को मुक्त कराने का वादा किया था। इस वादे को ख्0क्भ् में ही पीएम ने पूरा करने के लिए आईपीडीएस योजना की शुरुआत कर दी। करीब भ्7ख् करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के तहत बनारस के हर इलाके में लटके बिजली की तारों को अंडर ग्राउंड किए जाने का काम शुरू हो गया लेकिन इस काम में हो रही लापरवाही ने पीएम को खफा कर दिया है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्या हुआ है आईपीडीएस योजना में जो पीएम नाराज हैं। दरअसल इस योजना के अन्तर्गत हो रहे काम की समीक्षा करने के लिए केन्द्र की तरफ से आईपीडीएस योजना की समीक्षा प्रोजेक्ट की अधिशासी निदेशक राधिका झा बनारस पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने पहले तो वर्क के स्लो प्रॉसेस में नाराजगी जताई और अंडरग्राउंड किए जाने के दौरान खोदी गई सड़कों और गलियों को अब तक दुरुस्त न कराये जाने पर बेहद खफा दिखीं। जिसके बाद अधिकारी इस बात को लेकर परेशान हैं कि अगर रिपोर्ट पीएम तक पहुंच गई तो फिर क्या होगा।

बड़ी समस्या है ये खोदाई

पिछले लगभग दो सालों से हो रही अंडरग्राउंड केबलिंग के तहत हुई खोदाई में चेतगंज, चौक, बांसफाटक, लक्सा, आदमपुर, अस्सी, शिवाला समेत कई ऐसे इलाके अब तक खुदे पड़े हैं, जहां तार डालने का काम काफी पहले हो चुका है। इससे बुरी हालत गलियों की है। गायघाट, गोलघर, ब्रह्मनाल, कचौड़ी गली, मीरघाट समेत असल बनारस कहे जाने वाले पक्के महाल के तमाम इलाके अब तक खोदे पड़े हैं। जिसके कारण क्षेत्र के लोगों के अलावा इस रूट पर आने वाले सैलानियों को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बात को लेकर आईपीडीएस प्रोजेक्ट की समीक्षा करने आई राधिका झा ने भी साफ कहा कि खोदी गई सड़कें तुरंत बनाएं और इसके लिए अब हर शनिवार को उन्होंने डीएम से वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट भेजने का भी आदेश दिया है।

मोदी भी खोदाई को बता चुके हैं गलत

पीएम मोदी भी केन्द्र सरकार के इस प्रोजेक्ट के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र में हो रही खोदाई और प्रॉपर रिपेयरिंग न होने पर अपनी नाराजगी चुनावों के दौरान अपने एक भाषण में बयां कर चुके हैं। डीरेका ग्राउंड में प्रबुद्धजन सम्मेलन के दौरान अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि यहां के लोग तो परेशान हैं क्योंकि यहां खुदा है, वहां खुदा है और जहां नहीं खुदा है वहां कल खुदेगा। यानि खोदाई लोगों की लाइफ का हिस्सा बन चुकी है।

प्रोजेक्ट पर एक नजर

- क्0म्7 करोड़ रुपये आईपीडीएस प्रोजेक्ट में पूरे प्रदेश में होने हैं खर्च

- भ्7ख् करोड़ अकेले बनारस में किए जायेंगे खर्च

- फ्क् जनवरी ख्0क्भ् को शुरू हुआ था प्रोजेक्ट

- फ्0 जून ख्0क्7 तक हो जाना है खत्म

- भ्क्भ् करोड़ रुपये काम के लिए मिल चुके हैं

- ख्ब् घंटे बिजली मिलेगी काम पूरा होने के बाद

- 90 वार्डो में होगा अंडरग्राउंड केबलिंग का काम

- क्म् किमी से ज्यादा क्षेत्र की केबिल होगी अंडरग्राउंड

- फ्फ् केवी के दो सबस्टेशन होंगे तैयार

- क्क् उप सबस्टेशन भी बनेंगे प्रोजेक्ट के तहत

एक इलाका बना है मॉडल

- आईपीडीएस प्रोजेक्ट में कबीरनगर मॉडल बना है

- यहां केबल अंडरग्राउंड हो चुकी है

- जिसके बाद फ्भ्0 घरों में बिजली सप्लाई शुरू हो चुकी है

- स्ट्रीट लाइट भी चेंज हुई हैं

- सोलर पैनल से इसे जलाने की व्यवस्था है

- पीएम मोदी ने इसका किया था निरीक्षण

आईपीडीएस योजना के तहत हो रहे काम की अब हर शनिवार को समीक्षा होगी। जहां भी तार अंडरग्राउंड हुई है वहां सड़कों और गलियों को जल्द से जल्द ठीक कराने को कहा जा चुका है।

योगेश्वर राम मिश्र, डीएम