City के youth भी hypertension की गिरफ्त में

स्थिति थोड़ी और बिगड़ती है तो हाइपरटेंशन लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है और फिर जिंदगी को खत्म कर देने वाला दौड़ शुरू हो जाता है। स्ट्रोक्स और हार्ट अटैक के खतरे बढ़ जाते हैं और किडनी का कंडीशन खराब होता चला जाता है। इर्रेगुलर लाइफस्टाइल और बिगड़ती फूड हैबिट की वजह से सिटी के यूथ भी पिछले कुछ सालों में तेजी से हाइपरटेंशन की चपेट में आए हैं। एमजीएम हॉस्पिटल के डॉ बलराम झा कहते हैं कि 10 साल पहले तक हाइपरटेंशन से पीडि़त लोगों का एज ग्रुप 40 से ऊपर का ही होता था, लेकिन अब इसमें काफी चेंजेज आ गए हैं। वे कहते हैं कि अब हाइपरटेंशन की चपेट में आए लोगों में 20 से 30 साल एज ग्रुप के यूथ लगभग 15-20 परसेंट होते हैं। इनमें से ज्यादातर कॅरियर का टेंशन, वर्क प्रेशर और दूसरे स्ट्रेस की वजह से हाइपरटेंशन का शिकार होते हैं।

क्या हैं reasons?

- इर्रेगुलर लाइफस्टाइल।
- सोने और जागने का टाइम फिक्स नहीं होना।
- किसी बात को लेकर स्ट्रेस में रहना।
- अल्कोहल ज्यादा कंज्यूम करना।
- रेगुलर स्मोक करना।
- कॅरियर और वर्क प्रेशर को लेकर टेंशन।
- फिजिकल एक्सरसाइज नहीं करना।
- खाने में ज्यादा नमक का यूज करना।
- ओबेसिटी होना।
- लगातार पेन कीलर लेना।

इर्रेगुलर लाइफस्टाल से यूथ में हाइपरटेंशन की शिकायत काफी बढ़ रही है.  सिटी में 20 से 30 साल के यूथ भी इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं।
- डॉ बलराम झा,फिजिशियन, एमजीएम

स्टूडेंट कॅरियर को लेकर स्ट्रेस में रहते हैं और प्रोफेशनल्स वर्क प्रेशर की वजह से टेंशन में रहते हैं। गलत फूड हैबिट भी इसका कारण है।
- डॉ निर्मल कुमार,फिजिशियन, एमजीएम

Report by: amit.choudhary@inext.co.in