राखी सावंत ने टेलीविज़न के कई रियलिटी शो जैसे बिग बॉस , नच बलिये ,राखी का स्वयम्बर का हिस्सा बन इन रियलिटी शो को खूब टीआरपी दिलाई जिसकी वजह से मीडिया ने उन्हें नाम दिया ड्रामा क्वीन राखी सावंत. एक बार फिर राखी सावंत सुर्ख़ियो में हैं जिसकी वजह है राजनीती. राखी सावंत मुंबई के उत्तर पश्चिम इलाके से राष्ट्रीय आम पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ रही है उनका चुनाव चिन्ह है हरी मिर्ची.

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मुझे बड़ी इच्छा हुई की में ड्रामा क्वीन कही जाने वाली राखी सावंत की इस रैली को बड़े ही नज़दीक से देखूं और ये देख सकूं की क्या वाकई में राखी सावंत समाज की सेवा करनी चाहती है या ये इनका नया पैतरा है सुर्ख़ियो में रहने का? ये जानने के लिए में घर से सुबह सुबह निकली और जा पहुंची अंधेरी में जहां राखी सावंत करने वाली थी अपनी पदयात्रा.

राखी की रैली

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मैं जैसे ही अँधेरी पहुंची तो मुझे ज़ोर ज़ोर से ढोल बजने की आवाज़ सुनाई दी. मैंने वहां खड़े कुछ लोगों से पूछा भैया रैली कहा हो रही है? तभी एक साथ तीन लोग बोल पड़े, "राखी मिर्ची की रैली इस गली में हो रही है." वहां मैंने देखा लोग अपने घरों से बाहर खड़े थे एक नज़र राखी को देखने के लिए. बड़ो से ज़्यादा मुझे बच्चे ज़्यादा उत्साहित लगे राखी सावंत को देखने के लिए. ये बच्चे ज़ोर ज़ोर से चिल्ला चिल्ला रहे थे “आली रे आली राखी सावंत आली” और “मोहब्बत है मिर्ची,मोहब्बत है मिर्ची” जो की राखी सावंत की फ़िल्म का गीत है.

नए अंदाज़ में दिखी राखी

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मैंने देखा काली सलवार काला कुरता और उसके ऊपर हरा कोट पहने राखी सावंत हाथ जोड़ वोट मांग रही है . चेहरे पर मेकअप , होटो पर लिपस्टिक थी. एक हाथ में सफ़ेद मोतियों की माला और बालों को हरे रंग के कपडे से बाँध रखा था. उनके साथ एक पुलिस लेडी कांस्टेबल थी जो उनके साथ थी और बाकि के तीन पुलिस कर्मचारी उनके पीछे. राखी हर दरवाज़े पर जा जा कर मराठी में कह रही थी “मला वोट दया...मला विसरु नका” जिसका मतलब है “मुझे वोट देना …मुझे भूलना मत.”

दिखे छोटे बच्चे और औरतें
मैंने अपनी नज़रे राखी से हटाई और उनकी तरफ़ ध्यान दिया जो राखी सावंत की रैली में नारे लगा रहे थे.मैंने देखा 7 से 8 लोग ही थे जो 18 के ऊपर के थे बाकी तो बच्चे ही थे कोई 9 साल का था तो कोई 15 साल का इन बच्चों को देख मैंने उन बच्चो को पूछा "बच्चो यहाँ क्या कर रहे हो?"

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मेरा सवाल सुनने के बाद बच्चे शरमाते हुए बोले “हमारी परीक्षा खत्म हो गई है घर पर बोर हो रहे थे तो मम्मी ने कहा चलो मेरे साथ रैली में और हम आ गये यहां हमें मज़ा आ रहा है. मैं आगे बढ़ी और राखी सावंत के पास पहुंच कर मैंने राखी से कहा, “क्या आप रैली के बाद अपना थोड़ा समय देंगी इंटरव्यू के लिये?” इसपर राखी तुनक कर बोलीं, “देखिये आप तो देख ही रहीं हैं मैं अभी समाज सेवा में लगी हूँ मेरे पास वक़्त नहीं है.” ये कहते ही वो खुली जीप पर चढ़ गई और कहने लगी मुझे वोट देना न भूले.

लोगों का बुरा हाल
लोगों को कोई दुविधा न हो इसके लिए उन्होंने अपने हाथ पर एक लम्बी हरी मिर्च पकड़ी हुई थी जिसे बार बार लोगों को दिखा कर वो कह रही थी “न भूले हरी मिर्च को.”
राखी की जीप के आगे बच्चे और बड़े नारे लगा रहे थे हाथ में राखी का पोस्टर और परचा पकड़ा हुआ था. फिर मेरी बात कुछ महिलाओ से हुई. एक ने कहा, “मैडम जी सुबह से धुप में घुम रहे हैं अब तलक सिर्फ 2 बार ही गिलास पानी नसीब हुआ है खाना भी नहीं मिला.”

फिर मैंने उन महिलाओ से पूछा कि क्या उन्हें पैसे मिलते हैं रैली में शामिल होने के लिए? इस पर एक महिला बोली, “जी मैडम जी लेकिन ये लोग बहुत कम पैसे दे रहे है. 200 से 250 रूपये इतना कम पुरे दिन नारे लगाने और पद यात्रा में शामिल होने के लिये. लकिन आज शाम से लेकर रात तक की रैली है आज तो 400 रूपये बनेंगे.”

मैं कुछ और आगे गई तो एक और महिला अपने बच्चों के साथ खड़ी थी. मैंने उनसे पूछा, “क्या आप भी सुबह से आई हैं?” ये सुनते ही उन्होंने अपना गुस्सा ज़ाहिर करते हुए कहा, “मुझे तो बहुत गुस्सा आ रहा है. न पानी न खाना कुछ भी नहीं और दे रहे है सिर्फ 200 रुपये! इन 200 रूपये में से 40 से 50 रूपये तो रिक्शा में ही लग जाते हैं. इनके दिए हुए जगह पर पहुंचने के लिए बचता क्या है मैं तो कम्प्लेन करुंगी मैडम से.” ये कहकर वो आगे बढ़ गई.

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क्यों दें राखी को वोट?
राखी सावंत के लिए नारे लगाने वालो की राए जानने के बाद मैंने उन स्थानीय लोगों की राए जाननी चाही जिनसे राखी वोटे मांग रही थी. उनके पास जाकर में उनसे पूछा, “क्या आप राखी को वोट देंगे?”

इस पर एक व्यक्ति ने कहा, “नहीं मैडम जी में अपना वोट बर्बाद नहीं करूंगा क्योंकि मुझे नहीं लगता कि ये कुछ कर पाएंगी. राजनीती में आना ऐसे लोगों का काम नहीं है, इनके पीछे कोई बड़ा बैक ग्राउंड भी नहीं है. अगर होता तो शायद वोट डालते. टीवी पर्सनेलिटी होने से कोई वोट नहीं देता वोट काम करने से देता है.” एक और व्यकति बोला, “मुझे ये समझ नहीं आता की में राखी सावंत को वोट क्यों दूं? उन्हें में कितना वक़्त हुआ है पॉलिटिक्स में आये ? में उन्हें वोट नहीं दूंगा.”

राखी सावंत लोगों का दिल जीतने में कामयाब होंगी या नहीं इसका फैसला 24 अप्रैल को हो ही जाएगा लेकिन एक बात तो तय है कि जनता इस बार किसी बहकावे में नहीं आएगी. अब जनता देश में एंटरटेनमेंट नहीं बदलाव चाहती है.

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