यूएन को दी जानकारी

इस बात की आधिकारिक जानकारी सयुंक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून को प्राप्त कराई. सयुंक्त राष्ट्र स्थित इराकी दूत मोहम्मद अली अल्हाकिम ने एक पत्र लिखकर ने यह बताया कि आतंकियों ने इराकी सुरक्षा तंत्र को तोड़कर रासायनिक हथियारों के जखीरों पर अपना कब्जा जमा लिया है. इराकी सैनिक इस अड्डे की दिन रात निगरानी कर रहे थे. हथियारों के साथ-साथ आतंकियों ने इस इलाके को भी अपने कब्जे में ले लिया है.

कितने खतरनाक हैं यह रासायनिक हथियार

इन रासायनिक हथियारों की मारक क्षमता के बारे में बताया गया है कि यह गैस मानव के तंत्रिका तंत्र को अफेक्ट करती है. इस क्षेत्र में सरीन गैस से भरे 2500 रॉकेट हैं और इनके कुछ अवशेष बचे हैं. इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि एक परिसर के बंकर नम्बर 13 और 41 को भी कब्जे में ले लिया गया है जिसमें सयुंक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार सोडियम साइनाइड से भरे हथियार हो सकते हैं.  

कब हुआ आतंकियों का कब्जा

सयुंक्त राष्ट्र में इराकी दूत अल्हाकिम ने बताया कि चरमपंथियों ने 11 जून को इस जगह की रक्षा कर रहे गार्ड्स को बंदी बनाया. सस्ंथान के प्रोजेक्ट मैनेजर ने इस सीसीटीवी कैमरे पर आतंकियों को इन हथियारों को चुराते देखा.

अमेरिका ने कहा डरने की बात नही

इस बारे में अमेरिका ने कहा कि इन रासायनिक हथियारों से डरने की बात नही है और इन हथियारों को इतनी आसानी से युद्ध में इस्तेमाल नही किया जा सकता है. गौरतलब है कि अमेरिका ने रासायनिक हथियारों का नाम लेकर ही इराक पर वर्ष 2003 में हमला बोला था लेकिन आज अमेरिका इन हथियारों को लेकर चिंतित नजर नही आ रहा है.

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