अधिकारियों ने बताया है कि इस्लामिक स्टेट इन इराक़ एंड अल शम्स यानी आयसिस संगठन के चरमपंथियों ने जॉर्डन की सीमा से क़रीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर रुत्बा नाम के इस शहर पर अधिकार कर लिया है.

इससे पहले इन चरमपंथियों ने बग़दाद की तरफ़ बढ़ते हुए सीरिया और इराक़ को बांटने वाली सीमा क्रॉसिंग और पश्चिमी इराक़ के दो शहरों पर क़ब्ज़ा कर लिया था.

एक प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि चरमपंथियों का मक़सद सुन्नी बहुल अनबार प्रांत पर क़ब्ज़ा करने का है.

यूफ़्रेटिस नदी के किनारे बसा रुत्बा शहर आयसिस के लिए बग़दाद और जॉर्डन के बीच मुख्य रास्ते पर रणनीतिक दृष्टि से अहम शहर है.

दो दिनों में यह इराक़ का चौथा शहर पर जो आयसिस के सुन्नी चरमपंथियों के हाथों में चला गया है.

शनिवार को चरमपंथियों ने कहा था कि उनका यूफ्रेटिस नदी के किनारे मौजूद रावा और अना शहरों पर क़ब्ज़ा हो गया है.

और इराक़ी अधिकारियों ने कुबूल किया था कि आयसिस लड़ाकों ने क़ायम के पास एक सीमा क्रॉसिंग पर भी अधिकार कर लिया है. यहां पूरे दिन चली लड़ाई में 30 सैनिक भी मारे गए हैं.

इराक़ में बेचैनी

इराक़: चरमपंथियों ने क़ब्ज़ाया चौथा शहर

इराक़ की सरकार चरमपंथियों के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई में काफी संघर्ष कर रही है. राजनयिकों और राजनेताओं ने बीबीसी को यह जानकारी दी है.

संवाददाताओं के मुताबिक़ आईएसआईएस चरमपंथी बेहद प्रशिक्षित, हथियारों से बेहतर लैस हैं और सेना के मुक़ाबले ज़्यादा अनुभवी लगते हैं.

सुन्नी चरमपंथियों ने  जून में मोसुल शहर पर हमला किया था और उसके बाद से अब तक उन्होंने इराक़ के एक बड़े क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया है.

इराक़ की राजधानी में वरिष्ठ राजनेताओं और राजनयिकों से बीबीसी के वैश्विक मामलों के संपादक जॉन सिम्पसन सम्पर्क में हैं और उनका कहना है कि सरकार आईएसआईएस के ख़िलाफ़ जिस तरह से युद्धरत है उससे बग़दाद में गहरी निराशा है.

उनका कहना है कि दो सप्ताह पहले इराक़ी वायु सेना के पास मौजूद अमेरिकी मिसाइलें ख़त्म हो गईं है और अब इनके पास केवल दो सैन्य विमान हैं जिनसे भारी गोलीबारी हो सकती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि आईएसआईएस ने अपने लिए कुछ सुरक्षित ठिकाने स्थापित कर लिए हैं, जिनमें से कुछ तो पड़ोसी देश सीरिया में हैं. ऐसे में उन पर निशाना साधना मुश्किल हो जाएगा.

शनिवार को इराक़ी अधिकारियों ने स्वीकार किया कि शनिवार को आईएसआईएस ने क़ायम कस्बे के निकट सीमावर्ती इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर लिया, जिससे यहां चली दिन भर की लड़ाई में 30 सैनिक मारे गए.

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