Maximum friends limit को टच करना है
सिटी के राजू ने फेसबुक के फ्रेंड्स के मैक्सिमम नंबर के लिए टारगेट फिक्स कर रखा है। दो साल पहले राजू ने एफबी पर एकाउंट क्रिएट किया और अब उनके फ्रेंड्स की संख्या 5 सौ को क्रॉस कर चुकी है। वह कहते हैं कि उनके कई फ्रेंड्स हैं जिनके 2 ही साल में फ्रेंड्स की संख्या 1 हजार से ज्यादा हो चुकी है। इस वजह से वे थोड़े परेशान हैं, पर वे भी हार मानने वाले नहीं। राजू ने अगले 3 साल के लिए टारगेट फिक्स कर लिया है। उन्हें उस समय तक एफबी के मैक्सिमम फ्रेंड लिमिटेशन यानी 5 हजार की संख्या तक पहुंचना है।

कुछ तो बात होती है प्रोफाइल में तभी तो
केसीसी के स्टूडेंट रोशन के फेसबुक एकाउंट से लगभग 2 हजार फ्रेंड्स जुड़े हुए हैं। उनका कहना है कि एफबी पर फ्रेंड्स की संख्या का इंपॉर्टेंस तो होता है। उन्होंने कहा कि कोई भी किसी को फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड करने से पहले उसके प्रोफाइल को अच्छे से देखता है। ऐसे में किसी को लगातार फ्रेंड रिक्वेस्ट आ रहे हैं तो निश्चित ही यह मानना चाहिए कि उस पर्सन के प्रोफाइल में कुछ तो खास है जो दूसरों को अट्रैक्ट कर रहा। यही वजह है कि ज्यादा फ्रेंड्स वाले यूथ खुद को ज्यादा कांफिडेंट मानते हैं।

फेम के लिए youth like war भी करते हैं
जब फ्रेंड्स की संख्या को लेकर यूथ इतने क्रेजी हैं, तो इसके बाद उन्हें उसी रेशियो में पोस्ट के लिए लाइक्स भी तो चाहिए। आपको शायद पता नहीं पर यह सच है कि यूथ के बीच ‘लाइक वार’ चलता है। इसका मतलब यह है कि दो फ्रेंड्स ने कुछ पोस्ट किया या फिर कोई फोटोग्राफ अपलोड किया और उसके बाद उनके पोस्ट और लाइक्स को लेकर उनके बीच एक तरह का वार स्टार्ट हो जाता है। लाइक्स और फ्रेंड्स की संख्या एक दूसरे से कोरिलेशन होता है। ज्यादा लाइक्स चाहिए, तो फ्रेंड्स की संख्या ज्यादा होनी चाहिए और ज्यादा फ्रेंड्स होंगे तो ओबियसली लाइक्स भी मैक्सिमम मिलेंगे।

उस कॉम्पटीशन को रियल लाइफ में न लाएं
फ्रेंड्स की संख्या और पोस्ट पर मिले लाईक्स को लेकर फेसबुक पर शुरू हुए कॉम्पटीशन पर सायकोलॉजिस्ट डॉ निधि श्रीवास्तव का कहना है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जुड़े कुछ पॉजिटिव चीजें हैं, तो यह अच्छी बात है। वह कहती हैं कि एफबी पर फ्रेंड्स की संख्या ज्यादा होने और ज्यादा लाइक्स मिलने से निश्चित ही किसी का कांफीडेंस बढ़ेगा और अपनी पॉपुलेरिटी को लेकर वह खुश होगा, पर इसके साथ यह भी जरूरी है कि उस कॉम्पटीशन को वहीं तक लिमिट में रखा जाए। उन्होंने कहा कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हो रहे कॉम्पटीशन और वार को अगर कोई अपनी रियल लाइफ में भी लाता है, तो उसके लिए बहुत परेशानी हो सकती है, क्योंकि दोनों ही दुनिया पूरी तरह से अलग है।

फेसबुक, फेवरेट सोशल नेटवर्किंग साइट
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) द्वारा मेट्रोज और मिनी मेट्रोज सिटीज में कराए गए सर्वे में पता चला है कि यूथ का फेवरेट सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक है। मेट्रोज में 92 परसेंट, जबकि मिनी मेट्रोज में 91 परसेंट यूथ ने इसे अपना फेवरेट सोशल नेटवर्किंग साइट बताया।

-बिहार-झारखंड सर्किल में 6 करोड़ से ज्यादा मोबाइल यूजर्स हैं। इनमें झारखंड में लगभग डेढ़ करोड़ हैं।
-टीसीएस के सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि 20 परसेंट से ज्यादा मोबाइल यूजर्स अपने मोबाइल में नेट एक्सेस कराते हैं।
-ईस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट में लगभग 8 लाख मोबाइल यूजर्स हैं जिनमें डेढ़ लाख से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स हैं।


फेसबुक पर फेम के लिए काफी संख्या में यूथ के बीच लाइक वार चलता है। उनके पोस्ट पर कितने लाइक्स मिलते हैं, इट्स मैटर ए लॉट। जो भी एफबी पर हैं खासकर यूथ, उनका इससे बच पाना भी तो मुश्किल है।
- दिव्या, स्टूडेंट

यह तो सच है कि फ्रेंड्स की संख्या जल्दी और लगातार बढ़ती रहे, तो कांफीडेंस लेवल थोड़ा बढ़ता है, पर यह भी सही है कि लोग अंजान और फेक एकाउंट को भी लिस्ट में शामिल कर लेते हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा नंबर दिखाने हैं।
- रोशन, स्टूडेंट

मैं तो अगले 3 साल में मैक्सिमम फ्रेंड्स लिमिट को टच करना चाहता हूं। आजकल एफबी पर फ्रेंड्स की संख्या का असर तो पड़ता है। इससे पॉपुलेरिटी पता चलती है।
- राजू, स्टूडेंट

इतना तो कह ही सकते हैं कि किसी को फ्रेंड रिक्वेस्ट तभी सेंड करते हैं जब उसका प्रोफाइल कुछ खास लगे। ऐसे में ज्यादा फ्रेंड्स वाले खुद को कांफीडेंट तो मान ही सकते हैं।
- रितु, स्टूडेंट

एकेडमिक कॉम्पटीशन की तरह ही यह एक सोशल एक्सीलेंस कॉम्पटीशन है। मैं जब भी एकाउंट ओपेन करता हूं फ्रेंड रिक्वेस्ट रहता है। हर जगह कॉम्पटीशन है तो यहां कैसे नहीं होगा।
- विधान, स्टूडेंट

फ्रेंड रिक्वेस्ट तो डेली कई आते हैं पर सभी को रिस्पांस देने से पॉपुलर नहीं हो सकते। उनमें सेलेक्शन काफी जरूरी होता है। लाइक्स की वजह से लोग किसी का भी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेते हैं ताकि उनके पोस्ट पर ज्यादा लाइक्स मिल सके।
- विवेक, स्टूडेंट

Report by : amit.choudhary@inext.co.in