1. दिनेश कार्तिक

बांग्लादेश से लौटे कार्तिक से जब उनकी और धौनी की तुलना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं अभी उस यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा हूं जहां वह (धोनी) टॉपर रहे हैं। वह उन लोगों में से हैं जिन्हें मैंने हमेशा खेलते देखा है। मेरी उनके साथ तुलना करना सही बात नहीं है। मैं जहां हूं, वहां खुश हूं। मालूम हो कि धौनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के तीन महीने पहले कार्तिक ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला इंग्लैंड में सितंबर 2004 के चैंपियंस ट्रॉफी में खेला था। अगले 14 वर्षो में धौनी भारत के सबसे सफल कप्तान बन गए जबकि कार्तिक टीम से अंदर-बाहर होते रहे और मौके का इंतजार करते रहे।

2. पार्थिव पटेल

धोनी के आने से दो साल पहले 2002 में पार्थिव पटेल ने अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेल था। जब तक वह टीम में अपनी जगह पक्की कर पाते, धोनी भारतीय टीम में आ गए। माही ने साल 2004 में डेब्यू किया था और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। माही के आने से पार्थिव का वापस टीम में आने का सपना अधूरा रह गया। वह कई सालों तक टीम से बाहर रहे। फिलहाल 33 साल के हो चुके पार्थिव अब करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं और आईपीएल में अपनी बल्लेबाजी का जौहर दिखा रहे। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने करियर में 25 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने सिर्फ 934 रन बनाए। वहीं वनडे में पार्थिव ने 38 मैच खेलकर 736 रन बनाए।

3. दीपदास गुप्ता

भारत के पूर्व खिलाड़ी दीपदास गुप्ता भी अंतर्रराष्ट्रीय क्रिकेट में वो मुकाम नहीं हासिल कर पाए, जो सोच कर वह आए थे। साल 2001 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला वनडे और टेस्ट खेलने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज दीपदास अगले साल ही टीम से बाहर हो गए थे। वह ऐसा दौर था जब भारत को नए और युवा विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश थी। टीम मैनेजमेंट नए और होनहार खिलाड़ियों को मौका दे रहा था। दीपदास का भी नंबर आया, मगर एक बार वो टीम से बाहर हुए तो वापसी नहीं कर पाए। क्योंकि अगले दो साल में भारत को धोनी के रूप में हीरा मिल गया था।

4. अजय रात्रा

भारत के लिए 6 टेस्ट और 12 वनडे खेल चुके विकेटकीपर बल्लेबाज अजय रात्रा को शायद ही कोई जानता हो। हरियाणा का यह खिलाड़ी साल 2002 में भारतीय टीम में आया था। विकेटकीपिंग भी की, और बल्लेबाजी भी मगर 6 महीने बाद ही टीम से बाहर होना पड़ा। उस वक्त टीम में पार्थिव पटेल को मौका दिया गया था। मगर वो भी एक साल से ज्यादा टीम में जगह नहीं बना सके और आखिर में धोनी ने एंट्री मारी और सभी के लिए वापसी के रास्ते बंद हो गए।

5. समीर दिघे

50 साल के हो चुके समीर दिघे ने 32 साल की उम्र में भारत की तरफ से पहला अंतर्रराष्ट्रीय मैच खेला था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में पहला टेस्ट खेलने वाले समीर सिर्फ 6 मैच ही खेल सके। हालांकि उनकी उम्र को देखते हुए टीम में उनकी जगह पक्की होने का कोई सवाल ही नहीं था।

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