PATNA(24 Feb):

राज्यभर के लगभग 800 आईटीआई और आईटीसी में इलेक्ट्रिीशियन ट्रेड के फोर्थ सेमेस्टर के इंजीनियरिंग ड्राइंग की परीक्षा बुधवार को दुबारा हुई। आई नेक्स्ट की खबर का असर सेंटर पर भी देखने को मिला। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने कई सेंटर का दौरा किया। इस दौरान देखा कि सेंटर में किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश अंदर नहीं हो रहा था। स्टूडेंट के बैग भी परीक्षा रूम से बाहर ही रखवाए गए थे।

दीघा आईटीआई में भी काफी कड़ाई के साथ परीक्षा हुई। दीघा आईटीआई के सेंटर सुप्रीटेंडेंट अमरेंद्र शेखर सिंह ने बताया कि बच्चों को किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जा रही है। कुछ सेंटर पर गड़बड़ी की शिकायत आई है, इस लिहाज से वैसे सेंटर्स पर भी कदाचार मुक्त परीक्षा की व्यवस्था की गई है।

दिल्ली से ही हुई है गड़बड़ी

कई सरकारी आईटीआई के अधिकारियों ने ऑफ द रिकार्ड बात में साफ कहा कि इसमें दिल्ली स्तर से ही गड़बड़ी होती है। उन्होंने स्वीकारा कि हर साल इस तरह का खेल होता है। इसमें प्राइवेट आईटीआई कॉलेजों का बड़ा गिरोह सक्रिय है।

सिर्फ डिग्री के लिए करते हैं आईटीआई

आईटीआई से जुडे़ इंस्ट्रक्टर और ऑफिसर की मानें तो स्टूडेंट आईटीआई में एडमिशन पढ़ने के लिए नहीं, सिर्फ डिग्री हासिल करने के लिए लेते हैं। कारण बताते हुए अधिकारी ने कहा कि जिस भी परीक्षा में आईटीआई की डिग्री अनिवार्य है उसमें आईटीआई से सवाल रहते ही नहीं है। इस कारण स्टूडेंट आईटीआई में एडमिशन लेकर जीके जीएस की तैयारी करना बेहतर समझते हैं।

हो चुकी है एफआईआर, जांच शुरू

आईटीआई के इलेक्ट्रिीशियन ट्रेड के फोर्थ सेमेस्टर के इंजीनियरिंग ड्राइंग की परीक्षा ख्ख् फरवरी को हुई थी। लेकिन परीक्षा से एक दिन पहले ही इसका प्रश्नपत्र लीक हो गया था। आई नेक्स्ट ने इसका खुलासा किया था। आई नेक्स्ट के खुलासे के बाद परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया था। इस मामले में पाटलिपुत्र थाने में एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। साथ ही श्रम संसाधन विभाग भी मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने स्तर से जांच कर रहा है। विभागीय मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि हम पूरे मामले की समीक्षा कर रहे हैं और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए जा चुके हैं।