BAREILLY:

साइंटिस्ट का काम रिसर्च कर नया जीवन देना होता है लेकिन आईवीआरआई (इंडियन वेटरिनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट ) के एक सीनियर साइंटिस्ट ने जान बचाने के वजाय एक परिवार की जान लेने की कोशिश की। गैलेक्सी होम राजेंद्र नगर निवासी साइंटिस्ट ने पड़ोस में रहने वाले मोबाइल कंपनी के डिस्ट्रिक्ट डिस्ट्रीब्यूटर के वाटर टैंक में जहर (ईथाइलिन ग्लायकोल पॉइजनिंगग) मिला दिया। जहर से डिस्ट्रीब्यूटर और उसके परिवार की तबियत खराब हो गई। साइंटिस्ट को लगा कि मामला बिगड़ गया है तो उसने खुद ही पानी के टैंक में कुछ मिला होने का हिंट दिया। जिसके बाद कॉलोनी वालों ने उससे पकड़कर पूछताछ की तो उसने पानी के टैंक में केमिकल मिलाना कुबूल लिया। डिस्ट्रीब्यूटर ने प्रेमनगर थाना में तहरीर दी है। वही आईवीआरआई भी साइंटिस्ट के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

 

पानी पीने से हुई तबीयत खराब

अमित अग्रवाल, 16 यूएफएफ गैलेक्सी होम, राजीव कुंज राजेंद्र नगर में रहते हैं। उनके परिवार में पत्‌नी रिचा, 12 वर्षीय बेटी क्वीटी, 7 वर्षीय जुड़वा बेटा-बेटी आस्था और अक्षत हैं। रिचा हार्टमन स्कूल में 7वीं और बेटा-बेटी जीआरएम में फ‌र्स्ट क्लास में पढ़ते हैं। वह मोबाइल फोन के के डिस्ट्रीब्यूटर हैं। अमित अग्रवाल ने बताया कि 26 नवंबर की सुबह अचानक उनकी पत्‌नी रिचा अग्रवाल को उल्टी-दस्त होने लगी। उन्होंने घर पर डाक्टर एनके मल्होत्रा को बुलाया और उन्होंने पत्‌नी के ड्रिप चढ़ाई। कुछ देर बेटी क्वीटी, उसके बाद उनकी और आस्था और अक्षत की भी तबीयत खराब हो गई। व्हाइट कलर का मिला पाउडर अमित के मुताबिक डॉक्टर के इलाज के बावजूद भी उल्टी-दस्त बंद नहीं हुए तो सभी परेशान हो गए। डॉक्टर ने बताया कि उनके खाने में कुछ मिलाया गया है। इसी दौरान पड़ोसी ने बताया कि उनके ऊपर वाले फ्लैट में रहने वाले आईवीआरआई के वेक्टोरोलॉजी डिपार्टमेंट में रहने वाले सीनियर साइंटिस्ट टी सबरीनाथ निवासी केरल ने उनके पानी के टैंक के पास घूम रहे थे। यही नहीं जब साइंटिस्ट को लगा कि उनके परिवार में किसी की डेथ हो सकती है, तो उसने पड़ोसियों से कहा कि कहीं उनके पानी के टैंक में कुछ मिला तो नहीं है। पड़ोसियों के कहने पर जब उन्होंने टैंक चेक किया तो उसमें व्हाइट कलर का पाउडर मिला हुआ था। जिसके बाद पड़ोसियों ने साइंटिस्ट पर दबाव बनाकर पूछा तो उसने बताया कि उसने पानी के टैंक में ईथाइलिन ग्लायकोल पाइजनिंग केमिकल मिलाया है।

 

5 महीने पहले भी मिलाया था केमिकल

साइंटिस्ट ने पड़ोसियों को बताया कि वह बार-बार उन्हें टोकते थे, जिससे वह अमित व उसके परिवार के नफरत करता था। यह केमिकल वह अपनी लैब से लाया था। इस केमिकल से धीरे-धीरे बॉडी के ऑर्गन खराब होते हैं फिर व्यक्ति की जान चली जाती है। उसने पांच महीने पहले भी उनके टैंक में केमिकल मिलाया था, लेकिन सभी की जान बच गई थी। अमित ने बताया कि साइंटिस्ट उनके बच्चों की साइकिल में लात मारता है। वह तेज कार भी लेकर आता है। इसको लेकर उन्होंने कइर्1 बार मना किया था। इसी से साइंटिस्ट उनसे दुश्मनी रखता है। ईथाइलिन ग्लायकोल पाइजनिंग है जानलेवा ईथाइलिन ग्लायकोल पाइजनिंग शरीर में जाने से सबसे पहले उल्टी-दस्त और पेट में दर्द होता है। पॉइजन का ज्यादा एक्सपोजर होने से किडनी फेल होती और ब्रेन हैमरेज हो जाता है। कुछ दिनों बाद व्यक्ति की जान चली जाती है। इसका केमिकल का लैब में इस्तेमाल होता है। आईवीआरआई लेगा साइंटिस्ट पर एक्शन आईवीआरआई में भी यह केमिकल रिसर्च के लिए होता है और इसे बाहर ले जाने पर रोक है। आईवीआरआई अब साइंटिस्ट के खिलाफ एक्शन लेगा, क्योंकि साइंटिस्ट आईवीआरआई कैंपस में भी किसी के उसमें जहर मिला सकता है। बंदरों को भी मारने की कोशिश अमित ने बताया कि कुछ दिनों पहले मोहल्ले में काफी बंदर आ गए थे। जब सभी लोग बंदर भगा रहे थे तो साइंटिस्ट ने कहा था कि परेशान न हो, वह ऐसा केमिकल रख देगा, जिसे खाने से बंदर भाग जाएंगे और बंदर की मौत हो जाएगी।

 

आईवीआरआई साइंटिस्ट पर पानी के टैंक में जहर मिलाने की तहरीर मिली है। जांच कर एफआईआर दर्ज की जाएगी। - पंकज वर्मा, एसएचओ प्रेमनगर


सीनियर साइंटिस्ट के खिलाफ जहर मिलाने की शिकायत मिली है। यह गंभीर मामला हैे, साइंटिस्ट के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। - आरके सिंह, आईवीआरआई साइंटिस्ट

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