भूख हड़ताल पर बैठे थे मलिक
इससे पहले यासीन मलिक भूख हड़ताल पर बैठे थे. उन्होंने अपने 30 समर्थकों संग 30 घंटे की भूख हड़ताल शुरू की है. मलिक कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से टाउनशिप बसाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. आज के विरोध प्रदर्शन से पहले पहले भी यासिन मलिक को केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करने और मार्च निकालने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. जिसके बाद श्रीनगर में मलिक समर्थकों और पुलिस में काफी झड़पें हुई थी.

पुलिस फायरिंग में युवक की गई जान
हुर्रियत कांफ्रेंस के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने आज कश्मीर बंद का आह्वान किया. गिलानी ने यह बंद मसर्रत आलम की गिरफ्तारी के विरोध में बुलाया. बंद के दौरान अराजक तत्वों ने नरबल क्षेत्र में पत्थरबाजी की जिस पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग की. इस दौरान एक युवक की मौत की सूचना है. मृतक की पहचान सुहैल के रूप में की गई है. युवक की मौत के बाद पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमें इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए खेद है और शोकसंतप्त परिवार के प्रति पूरी सहानुभूति है.

इजराइल की घटना नहीं दोहराई जाएगी
इससे पहले राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहममद सईद ने स्पष्ट किया कि था कि जो इजरायल में हुआ वह कश्मीर में नहीं दोहराया जाएगा. कश्मीर में पंडितों को अलग से नहीं बल्कि समाज में उनके अपने घरों में ही बसाया जाएगा. उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात में भी स्पष्ट कर दिया था कि कश्मीरी पंडित घाटी में अलग से नहीं रह सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर नया श्रीनगर या सेटेलाइट टाउनशिप बनती भी है तो वह सबके लिए होगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वहां कश्मीर की धर्मनिरपेक्षता बरकरार रहे. मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरी पंडित समुदाय ने देश में विशिष्ट स्थान बनाया है, उनमें दस से पंद्रह फीसद लोग ही वापस आएंगे. जितने भी लोग वापस आएंगे, उन्हें समाज में बसाने के लिए उचित माहौल बनाया जाएगा, उन्हें भी कश्मीरियत को बुलंद रखना चाहिए, ताकि देश में राज्य की छवि खराब न हो. इसके लिए सबके सहयोग करने की जरूरत होगी.

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