RANCHI: यह परीक्षा विद्यार्थी अपने स्कूल में ही देंगे। पर इसका क्वेश्चन पेपर और आंसर शीट झारखंड एकेडमिक कौंसिल उपलब्ध करायेगा। आठवीं बोर्ड की परीक्षा के लिए स्टूडेंटस का उस तरह रजिस्ट्रेशन भी नहीं होगा, जिस तरह मैट्रिक और इंटरमीडिएट से पहले होता है।

 

शिक्षा विभाग की लगी मुहर

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसमें राज्य परियोजना निदेशक ए मुथु कुमार, काउंसिल के अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह, सचिव रजनीकांत वर्मा और अन्य पदाधिकारियों के अलावा अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विजेंद्र चौबे तथा महासचिव राममूर्ति ठाकुर भी उपस्थित थे।

 

संघ ने किया था विरोध

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार द्वारा आठवीं बोर्ड लागू करने का विरोध किया था। इसके बाद सचिव ने संघ के प्रतिनिधिमंडल व विभागीय पदाधिकारियों के साथ इसपर बैठक कर यह निर्णय लिया। संघ नैस की तर्ज पर परीक्षा लेने पर सहमत है।

 

मॉडल पेपर कराए जाएंगे उपलब्ध

बैठक में तय हुआ कि इस परीक्षा में लर्निग आउटकम पर वस्तुनिष्ठ व लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। इस बोर्ड परीक्षा की तैयारी से पहले बच्चों को मॉडल प्रश्न भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे बच्चे अपनी तैयारी कर सकें।

उल्लेखनीय है कि केंद्र के निर्देश पर बच्चों के शैक्षणिक स्तर के आकलन के लिए नैस परीक्षा एनसीईआरटी द्वारा ली जाती है। राज्य में सैंपल टेस्ट के रूप में ब्,क्भ्ख् स्कूलों में यह जांच परीक्षा होगी क्फ् नवंबर को होनी है।

 

दूसरे स्कूल के शिक्षक जांचेंगे कॉपी

उत्तर पुस्तिकाओं की जांच संकुल स्तर पर दूसरे स्कूलों के शिक्षकों द्वारा की जाएगी। सचिव ने कहा कि परीक्षा का मूल उद्देश्य बच्चों की सीखने की क्षमता का आकलन कर अपेक्षाकृत कमजोर बच्चों का शैक्षणिक स्तर बढ़ाना है।