राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली और हरभजन सिंह की जगह अब नए प्लेयर्स टीम इंडिया के हीरो बन गए हैं. रवींद्र जडेजा, चेतेश्वर पुजारा, मुरली विजय और शिखर धवन जैसे नए सितारों ने ऐसी परफॉर्मेंस दी है जिससे यह साफ हो गया है कि इंडियन क्रिकेट का फ्यूचर ब्राइट है.

पहली बार मिली 4-0 से जीत

इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराकर पहली बार यह कारनामा किया. टेस्ट क्रिकेट में यह पहला मौका है जब इंडिया ने कोई सीरीज 4-0 से जीती हो. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के अगेंस्ट इंडिया ने इतनी बड़ी जीत हासिल नहीं की. पहली बार 4 या 3 टेस्ट मैचों में इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का क्लीन स्वीप किया.

ICC Test ranking में नंबर दो पर

लगातार 4 टेस्ट मैचों में जीत हासिल करने की वजह से टीम इंडिया की टेस्ट रैंकिंग में उछाल आया. इंडिया अब आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर 2 पर पहुंच गया है. इस सीरीज में जीत के बाद इंडिया ने टेस्ट रैंकिंग में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ा है. टेस्ट रैंकिंग में नंबर 2 पर आने से इंडिया को दोहरा फायदा हुआ है. अब इंडिया को आईसीसी की तरफ से 3 लाख 50 हजार अमेरिकी डॉलर की राशि मिलेगी. इस सीरीज की शुरुआत से पहले इंडिया नंबर 4 पर था.

नई ओपनिंग जोड़ी मिली

इस सीरीज की अगर कोई सबसे बड़ी खोज कही जा सकती है तो वह है नई ओपनिंग जोड़ी का मिलना. नई इंडियन ओपनिंग जोड़ी मुरली विजय और शेखर धवन ने इस सीरीज में धमाल मचाया. धवन ने तो एक ही मैच खेला जिसमें उन्होंने 187 रनों की इनिंग खेली. इसके अलावा मुरली विजय ने शानदार बैटिंग की है. इस सीरीज में मुरली विजय ने 2 सेंचुरी और 1 हाफ सेंचुरी जमाई हैं. इस सीरीज में मुरली विजय ने सबसे ज्यादा रन बनाए हैं.

 

अश्िवन की वापसी

ऑफ स्िपनर आर अश्िवन ने इस सीरीज में जोरदार वापसी की है. इंग्लैंड सीरीज में अश्िवन की परफॉर्मेंस बहुत ही खराब रही थी. मगर इस सीरीज में शानदार वापसी करते हुए आर अश्िवन ने 29 विकेट झटके. इसके लिए आर अश्िवन को मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया. इस समय वे इंडिया के बेस्ट स्िपनर बन गए हैं.

मिल गया ऑलराउंडर

इस सीरीज में रवींद्र जडेजा ने बॉल के साथ जैसी परफॉर्मेंस की है वैसी शायद किसी को उम्मीद भी नहीं थी. दिल्ली में तो उन्होंने 8 विकेट लिए और मैन ऑफ द मैच का ईनाम अपने नाम किया. उन्होंने सीरीज में 20 से ज्यादा विकेट लिए. हालांकि बैट से वे फेल रहे. मगर उनकी शानदार बॉलिंग की मदद से ही इंडिया इस सीरीज में क्लीन स्वीप कर सका. वे अश्िवन के बाद सबसे बेहतर बॉलर बन गए हैं.

धोनी फिर बेस्ट

इस सीरीज से पहले धोनी की काफी आलोचना हो रही थी. अगर इस सीरीज में भी इंडिया हारती तो धोनी को कैप्टेंसी गंवानी पड़ सकती थी. धोनी की कैप्टेंसी में इंडिया इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में बुरी तरह हारा था. जिसके बाद होम ग्राउंड पर इंग्लैंन ने इंडिया को 2-1 से हराया. इस हार के बाद ऑस्ट्रेलिया सीरीज में बदले-बदले धोनी नजर आए. धोनी ने अपनी कैप्टेंसी से ही नहीं बल्िक अपनी बैटिंग से भी सबका दिल जीता. धोनी ने चेन्नई टेस्ट में 224 रनों की इनिंग खेलकर ऑस्ट्रेलिया की हार की शुरुआत कर दी थी. उनकी कैप्टेंसी देखकर सुनील गावस्कर ने कह दिया था कि धोनी को 2019 तक कैप्टन बने रहना चाहिए.

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