3 नवंबर को यूपी के साथ एमओयू हो सकता है साइन

- कुमाऊं में प्रस्तावित डैम से यूपी- उत्तराखंड दोनों को फायदा

- पेयजल के साथ सिंचाई सुविधा के लिए भी जरूरी है डैम

DEHRADUN: एक जमाने में जमरानी डैम प्रोजेक्ट पर दिलचस्पी न दिखाने वाला यूपी अब जल्द एमओयू के लिए उतावला है। खुद वहां के प्रमुख सचिव सिंचाई ने इसके लिए पहल की है। यूपी अपने दो अफसरों को तीन नवंबर को उत्तराखंड भेज रहा है। यूपी की एक बार फिर कोशिश है कि वह उत्तराखंड के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करवाने के लिए दबाव बनाए। जहां तक उत्तराखंड का सवाल है, उसका रुख साफ है। उत्तराखंड नेशनल प्रोजेक्ट घोषित कराने के प्रयासों में यूपी के साथ है, लेकिन यूपी से एक बात और क्लियर करना चाहता है। राज्य की अपेक्षा है कि मौजूदा स्थिति में यूपी के हिस्से जितना खर्च तय किया गया है, वह उस पर अपना नजरिया साफ करे। तब ही एमओयू साइन होने पर बात आगे बढ़ सकती है।

यूपी को भारी पड़ रहे भ्9ब् करोड़

उत्तराखंड सरकार ने जमरानी डैम प्रोजेक्ट की जो डीपीआर केंद्र सरकार को भेजी है, उसके अनुसार, भ्9ब् करोड़ रुपये यूपी को उपलब्ध कराने हैं, चूंकि डैम बनाने से लेकर उसका ज्यादातर इस्तेमाल उत्तराखंड को करना है, इसलिए खर्च का बड़ा हिस्सा उसी के सिर पर आ रहा है। पूरा प्रोजेक्ट ख्फ्भ्0 करोड़ का बनाया गया है। इन स्थितियों में यूपी चाहता है कि केंद्र सरकार से इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित कराए, जिसमें प्रोजेक्ट का 90 फीसदी खर्च केंद्र के सिर पर ही रहेगा।

फायदे का है प्रोजेक्ट

हल्द्वानी के पास गोला बैराज से आगे यह डैम यदि बन जाता है, तो बहुपयोगी साबित होगा। इससे हल्द्वानी क्षेत्र की न सिर्फ पेयजल समस्या सुधरेगी, बल्कि उत्तराखंड और यूपी के बडे़ हिस्सों को सिंचाई सुविधा भी मयस्सर हो पाएगी। इस डैम के फायदे को देखते हुए ही तीन नवंबर को यूपी के संयुक्त सचिव सिंचाई पीपी पांडेय और चीफ इंजीनियर जल संसाधन जीपी द्विवेदी उत्तराखंड के अफसरों के साथ मीटिंग करेंगे।

संसाधन और जमीनी पेंच

इस प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक संसाधन जुटाने के अलावा वन भूमि हस्तांतरण का पेंच सुलझाना भी एक बड़ी चुनौती है। करीब फ्भ्क् हेक्टेयर वन भूमि क्षेत्र का इस डैम के लिए हस्तांतरण होना है। केंद्र सरकार से इस मामले में पैरवी काफी आगे तक बढ़ चुकी है, लेकिन अंतिम तौर पर निर्णय होने बाकी हैं।

जमरानी प्रोजेक्ट पर एक नजर

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करोड़ की लागत से प्रस्तावित है जमरानी डैम प्रोजेक्ट।

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-करोड़ रूपये उत्तराखंड मांग रहा उत्तर प्रदेश सरकार से।

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मीटर की ऊंचाई पर प्रस्तावित यह डैम मल्टीपर्पज होगा।

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मेगावाट का पावर प्लांट बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है।

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से जमरानी डैम के निर्माण के लिए चल रही है कोशिश।

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हजार हेक्टेयर कृषि भूमि हो सकेगी डैम बनने से सिंचित।

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- यूपी के प्रमुख सचिव सिंचाई की चिट्ठी मिली है। तीन नवंबर को टीम आ रही है। जमरानी डैम प्रोजेक्ट पर दोनों राज्यों के बीच एमओयू साइन होना है। इससे पहले कई इश्यूज पर बात होनी है। उम्मीद है कि यह मीटिंग कामयाब साबित होगी और एमओयू का रास्ता साफ हो पाएगा

-आनंद वर्धन, सचिव, सिंचाई, उत्तराखंड।

- हमारी डीपीआर पहले ही केंद्र में जा चुकी है। यूपी के साथ इस प्रोजेक्ट में शेयरिंग किस तरह की होगी। नेशनल प्रोजेक्ट की बात अपनी जगह है, लेकिन यूपी को इस प्रोजेक्ट में जितना हिस्सा देना है, वह उस पर क्या सोच रहा है, मीटिंग में यह भी चर्चा होगी।

-राजेंद्र चालिसगांवकर, एचओडी, सिंचाई।