-चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने बजट को बताया सराहनीय

JAMSHEDPUR: मोदी सरकार के पहले आम बजट की बिजनेस सेक्टर के साथ ही चार्टर्ड अकाउंटेंट्स व अन्य ने सराहना की। उनका कहना है कि बजट में किए गए कुछ प्रावधानों को अगर छोड़ दिया जाए, तो ओवरऑल बजट बेहतर व देश हित में हैं। सैटरडे को सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स में चैम्बर के पदाधिकारियों ने फाइनांस मिनिस्टर अरुण जेटली द्वारा पेश किए जा रहे बजट भाषण को देखा-सुना और इसकी बारीकियों की समीक्षा भी की। उनका कहना था कि इस बजट से बिजनेस सेक्टर में बूम आएगा। चैंबर भवन में बजट के दौरान कई बार चैम्बर के पदाधिकारियों और मेंबर्स ने मेज थपथपा कर खुशी का इजहार किया। हालांकि ज्यादातर मौके पर खामोशी ही छाई रही। चैम्बर के पदाधिकारियों ने ओवरऑल बजट को संतुलित बताया

यह नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप एक संतुलित बजट है और इसके जरिए यह पता चलता है कि अगले पांच सालों का भारत कैसा होगा। बजट में समाज के सभी वर्ग के लिए कुछ न कुछ है। बजट में रूरल इकोनॉमी को बढ़ावा देने का प्रावधान है। इसके विकास की गति बढ़ेगी। एक लाख किलोमीटर रोड बनाने की बात है, जिससे इंडस्ट्री सेक्टर में बूम आएगा। सभी स्टेट में एम्स और आईआईटी खोलने का प्रावधान कर हेल्थ व एजुकेशन सेक्टर में सुधार का प्रयास किया गया है। छोटे बिजनेसमैन के लिए फंड की व्यवस्था करने की बात की गई है, जो बेहतर पहल है।

-सुरेश सोंथालिया, प्रेसिडेंट, सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स

बजट में हेल्थ और एजुकेशन पर जोर दिया गया है। कर्मचारियों को ईपीएफ व पेंशन में से किसी एक को चुनने का भी विकल्प रखा गया है, जो इम्प्लाई व इम्प्लॉयर दोनों के लिए बेहतर है। छोटे उद्यमियों को पहले खुद कोष की व्यवस्था करनी पड़ती थी, लेकिन सरकार ने पहली बार मुद्रा कोष बनाया है। कुल मिलाकर बजट सही और सर्वागीण विकास वाला है।

-विजय आनंद मूनका, वाइस प्रेसिडेंट। चैम्बर ऑफ कॉमर्स

बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सोलर पावर को बढ़ावा देने की बात एक सराहनीय कदम है। एमएसएमई सेक्टर के लिए लिक्विडिटी बढ़ाने की बात भी बेहतर कदम है। मनरेगा को और बेहतर किया गया है और अब यह केवल गढ्डे खोदने के लिए ही नहीं कंस्ट्रक्शन के लिए भी यूज होगा, जो एक अच्छी पहल है। पीपीपी मोड में गवर्नमेंट द्वारा रिस्क कवर करने से इंवेस्टमेंट में बढ़ोतरी होगी और सिंगल विंडो सिस्टम बढ़ेगा। जन-धन योजना को पहली बार साफ कर बताया गया है कि इसके क्या फायदे होंगे। अब इससे सब्सिडी पर होने वाली धांधली रूकेगी।

-भरत वसानी, वाइस प्रेसिडेंट

आरएंडी पर पहले खर्च नहीं होता था, लेकिन अब इसपर खर्च का प्रावधान किया गया है, इससे रोजगार भी मिलेगा। टेक्निकल एजुकेशन के बाद भी स्टूडेंट्स को जॉब नहीं मिलती थी। हालांकि बजट में ख्0 हजार करोड़ के मुद्रा कोष बनाने की बात है। इससे इंटरप्रेन्योर व अन्य बिजनेस को हेल्प मिलेगी। इसके अलावा क्भ्ख् कंट्रीज में वीजा ऑनलाइन किए जाने से बिजनेस को भी बढ़ावा मिलेगा।

-सुधीर कुमार सिंह, चैम्बर ऑफ कॉमर्स

गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन को ओपन सेक्टर में प्रोडक्ट भेजने में सुविधा होती है, लेकिन एमएसएमई को कोई हेल्प नहीं मिलती। बजट में इसका कोई प्रोवीजन भी नहीं है। इसके अलावा टैक्स में छूट मिलने की भी उम्मीद थी जो नहीं मिली। वैसे यह मिला-जुला बेहतर बजट है।

-महेश सोंथालिया

इनकम टैक्स की सीमा नहीं बढ़ना निराशाजनक है, लेकिन वेल्थ टैक्स समाप्त करना अच्छा कदम है। हालांकि एक करोड़ से ऊपर की आय पर दो परसेंट सरचार्ज लगेगा, लेकिन इससे आम लोगों की परेशानी कम होगी।

-दिनेश चौधरी, वाइस प्रेसिडेंट