JAMSHEDPUR: सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान पद को लेकर हुए विवाद के बाद चुनाव रद करने के बाद सीजीपीसी के मुख्य गेट पर 22 गुरुद्वारों के प्रधानों ने लगाए गए अपने-अपने ताले रविवार को खोल लिए। चुनावी विवाद के बाद प्रधानों ने गेट पर ताले जड़ दिए थे। सीजीपीसी कार्यालय के समीप गुरुद्वारों के प्रधानों ने बैठक कर चुनाव की अगली रणनीति पर बात की। यह निर्णय हुआ कि सीजीपीसी के कार्यवाहक प्रधान इंद्रजीत सिंह के सोमवार को कार्यालय आते ही सभी गुरुद्वारों के प्रधान व सिख समाज के लोग सीजीपीसी कार्यालय पहुंचेगे और इंद्रजीत सिंह को ज्ञापन सौंप आम सभा तुरंत बुलाने का अनुरोध करेंगे। अगर आम सभा बुलाने में देर हुई तो 20 सदस्यीय कमेटी बनाकर आम सभा बुलाई जाएगी।

इंद्रजीत कार्यवाहक प्रधान

सीजीपीसी के प्रधान पद के प्रत्याशी गुरमुख सिंह मुखे व उनके समर्थन में आए गुरुद्वारों के प्रधानों ने संयुक्त रुप से कहा कि जिला प्रशासन ने इंद्रजीत सिंह को सीजीपीसी का कार्यवाहक प्रधान सिर्फ आम सभा बुलाने व आय-व्यय का ब्योरा देकर कमेटी भंग करने के लिए बनाया है न कि विवादित गुरुद्वारों का मामला सुलझाने के लिए। इंद्रजीत सिंह विवाद को समाप्त करने के बजाए बढ़ावा दे रहे हैं। रही बात विवादित गुरुद्वारों की तो सीजीपीसी का जो नया प्रधान बनेंगे वे ही इन विवादित गुरुद्वारों का मामला सुलझाएंगे।

गुरुद्वारा कमेटियों के प्रधानों ने कहा कि इंद्रजीत सिंह का कार्यकाल 30 अगस्त 17 में ही समाप्त हो चुका है। साकची गुरुद्वारा के प्रधान हरविंदर सिंह मंटू की ओर अंगुली उठाने से पहले टेल्को गुरुद्वारा के प्रधान गुरमीत सिंह तोते ने अकाल तख्त की रहत मर्यादा का पालन किया है कि नहीं इसकी पहले जांच कराएं। टेल्को गुरुद्वारा के प्रधान गुरमीत सिंह तोते, सीजीपीसी के कार्यवाहक प्रधान इंद्रजीत सिंह के भाई हैं इसलिए वे कुछ भी कर सकते हैं। रहत मर्यादा के अनुसार तो गुरमीत सिंह तोते भी टेल्को गुरुद्वारा के प्रधान नहीं बन सकते। पहले टेल्को गुरुद्वारा कमेटी का चुनाव करवाया जाए। बैठक में भगवान सिंह, तरसेम सिंह, जागिर सिंह, हरविंदर सिंह मंटू, गुरमुख सिंह मुखे, सतनाम सिंह गंभीर, अजीत सिंह गंभीर, महेंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह, चरण सिंह, दलवीर सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

सौंपा गया पत्र

सीजीपीसी के कार्यवाहक प्रधान इंद्रजीत सिंह को सौंपने के लिए जो पत्र तैयार किया गया है उसके अनुसार इंद्रजीत सिंह का कार्यकाल 30 अगस्त 2017 को समाप्त हो चुका है। 16 मार्च को उपायुक्त ने सीजीपीसी के प्रधान पद की पिछली चुनाव प्रक्रिया को रद कर दिया है। इसलिए जिला प्रशासन की देखरेख में पारदर्शी तरीके से चुनाव कराया जाए। सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संविधान के अनुसार चुनाव हो। आमसभा बुलाकर अपना लेखा जोखा प्रस्तुत कर अपनी कमेटी भंग करे और चुनाव की तिथि की घोषणा करें। आवेदन में लिखा गया है कि सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संविधान कंडिका (17) में स्पष्ट उल्लेख है कि 20 या इससे ज्यादा सदस्य किसी भी खास एजेंडे पर प्रधान के पास जनरल बाडी की बैठक बुलाने की मांग कर सकते हैं। सीजीपीसी के संविधान के अनुसार दो सप्ताह में आम सभा बुलाना अनिवार्य है। अगर नहीं बुलाते हैं तो 20 सदस्यों को आम सभा बुलाने का अधिकार होता है।

सीजीपीसी कार्यालय का ताला खुल गया है मुझे पता चला है। अब जल्द ही मैं अपनी टीम के साथ कार्यालय जाऊंगा और आगे की कार्रवाई के लिए विचार विमर्श करुंगा ताकि समाज हित में कोई अच्छा फैसला लिया जा सके।

- इंद्रजीत सिंह सीजीपीसी के कार्यवाहक प्रधान

सीजीपीसी के प्रधान को आम सभा बुलाने के लिए पत्र सौंप दिया गया है। अगर आम सभा बुलाने में दो सप्ताह से ज्यादा समय इंद्रजीत सिंह लगाते हैं तो 20 सदस्यीय टीम खुद आम सभा बुलाने के लिए स्वतंत्र है

- गुरमुख सिंह मुखे