RANCHI: शनिवार की सुबह-सुबह जब महिलाएं हरवे-हथियार से लैस होकर निकलीं, तो लोग समझ नहीं पाए कि आखिर माजरा क्या है? बाद में लोगों को पता चला कि महिलाएं जनी शिकार करने के लिए निकली हैं। इसी क्रम में पिठोरिया स्थित अंबेडकर चौक में लगभग क्00 की संख्या में महिलाएं पारंपरिक हथियारों से लैस होकर सड़क पर निकलीं और उधर से गुजरनेवाले वाहनों से जबरन पैसे की वसूली करने लगीं। महिलाओं के तेवर देख ड्राइवर भी सहमे हुए थे। इनके साथ पुरुष भी शामिल थे। इस बीच कुछ लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से कर दी। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे तो महिलाओं ने उनके साथ भी धक्का-मुक्की की। महिलाओं के तेवर देख पुलिस भी पीछे हट गई।

क्या है जनी शिकार

आदिवासी महिलाएं जनी शिकार नामक पर्व मनाती हैं। यह क्ख् साल में एक बार मनाया जाता है। इस पर्व में महिलाएं लाठी-भाला समेत अन्य पारंपरिक हथियारों से लैस होकर शिकार करने निकलती हैं। आसपास के इलाकों और जंगलों में ये जानवरों का दिनभर शिकार करती हैं। रात में इन्हीं जानवरों को पकाकर खाती हैं और जश्न मनाया जाता है। इसी पर्व के लिए ये राहगीरों से चंदे के रूप में पैसे लेती हैं। इस शिकार में शामिल महिलाओं ने दावा किया कि उन्हें ऐसा करने की छूट राज्य सरकार ने दे रखी है। इसलिए उन्हें किसी का डर नहीं है। महिलाओं ने बताया कि इस दौरान वे लोगों से जानवर लेती भी हैं। महिलाओं के अनुसार, लगभग चार से पांच हजार लोग इस पारंपरिक पर्व में शामिल हैं। ये सभी रांची और आसपास के इलाकों से हैं। इनमें रातू, बुढ़मू, पिठोरिया, कांके, बुंडू, तमाड़ आदि शामिल हैं।