- ठाकुरजी के जन्म के दर्शन कर निहाल हुए श्रद्धालु

- भजन संध्या में बही आस्था की बयार

मथुरा : ब्रज में जब बुधवार को हर ओर लाला के जन्म की तैयारियां मंदिर-मंदिर और घर-घर चल रहीं थीं, वहीं मल्लपुरा स्थित प्राचीन केशवदेव मंदिर में ठाकुरजी के जन्मोत्सव मनाया गया। रात 12 बजे जन्मे कन्हाई तो श्रद्धालुभाव विभोर हो उठे। भक्तों की भीड़ ठाकुरजी की जय-जयकार करते हुए मनमोहक छवि को भक्त अपलक निहारते रहे। श्रद्धालुओं की भीड़ नयनाभिराम छवि को नेत्रों में बसा कर ले जाना चाहते थे।

प्राचीन केशवदेव मंदिर में सुबह से ही आयोजन की तैयारियां चलती रहीं। मंदिर को फूल, पत्ती, रंग-बिरंगी विद्युत सजावट से आकर्षक सजाया गया । शाम होने तक मंदिर की आकर्षक सजावट भक्तों को आकर्षित कर रही थी। शाम सात बजे से भजन संख्या शुरू हुई तो भक्त झूम उठे। आयोजन समिति महेशचंद्र ने 'जुल्म कर डालौ री या काली कांवर वारे ने', तो मनमोहन सराफ ने' मेरे कान्हा पर टोना कर गई रे-कर गई रे' गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विजय बंसल, हरिबाबू गुप्ता,प्रेम सराफ आदि के भजनों पर भी श्रद्धालु जमकर झूमे। रात्रि 10 से 11 बजे तक भक्तों को अभिषेक के दर्शन हुए। गोस्वामी मुन्नीलाल, शंकरलाल, श्यामाचरण, बिहारीलाल ने अभिषेक किया। रात्रि 11 बजे से केशवदेवजी का मनमोहक श्रृंगार किया गया। रात्रि 12 बजे ठाकुरजी के जन्म के दर्शन श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। घंटे-घडि़याल की ध्वनि से वातावरण भी प्रफुल्लित हो उठा। भक्त गा उठे' नंद के आनंद भयै, जय कंहैयालाल की'। इस दौरान बिहारीलाल गुप्ता, सोहनलाल शर्मा, सुरेशचंद्र अग्रवाल आदि उपस्थित थे। हर साल एक दिन पहले जन्मते हैं कान्हा केशवदेव मंदिर में हर वर्ष एक दिन पूर्व जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बारे में मंदिर के सेवायत मुन्नी लाल गोस्वामी बताते हैं कि कृष्ण भगवान का जन्म अष्टमी के दिन हुआ था। अष्टमी के शुरू होते ही यहां आयोजन होते हैं। इस बुधवार शाम से अष्टमी लगी है। जन्मोत्सव का कार्यक्रम मनाया गया है। शुक्रवार को नंदोत्सव मनाया जाएगा।