-बैकुंठ से भी भव्य हो गई है ब्रज की छटा,

-भगवान और देश-दुनिया के श्रद्धालु जन्मोत्सव में शामिल होने को हैं लालायित

मथुरा : प्रेमावतार, रसावतार, पूर्णावतार योगीराज भगवान श्रीकृष्ण गुरुवार को जन्मेंगे। भगवान का जन्मोत्सव मनाने के लिए आस्था का सैलाब उमडने लगा है। ब्रज की छठा ब्रज की छठा बैकुंठ से भी दिव्य नजर आ रही है। इस दिव्य महोत्सव में सम्मलित होने को देश विदेश से श्रद्धालु पहुंच गए हैं। गुरुवार रात 12 बजे अजन्मे का जन्म होगा और चहुंओर बधाइयां बजने लगेंगी। कान्हा के जन्म के लिए घर-घर और मंदिर-मंदिर रौनक नजर आने लगी है। जन्मभूमि समेत घर-घर और मंदिरों में ठाकुरजी प्रकट होंगे। जन्मोत्सव को लेकर ब्रजमंडल तैयार है।

बुधवार की देररात्रि से ही मथुरा में भक्तों का हर्ष और उल्लास चरम पर पहुंच गया है। हर तरफ दीपावली जैसी रौनक नजर आ रही है। ब्रज आस्था से महक रहा है। राधे-कृष्णा के जयघोषों से हवा में भी आस्था की सुगंध घुल गई है। ठाकुरजी के जन्म की खुशी में ब्रजवासी और श्रद्धालु झूम रहे हैं। गुरुवार को रात्रि 12 बजे जब प्रभु का प्राकट्य होगा तो जन्मभूमि सहित ब्रज के मंदिरों और घर-घर में शंख, झांझ-मजीरे, घंटे-घडि़याल बज उठेंगे और पता लग जाएगा कि अजन्मे का जन्म हो चुका है। बुधवार को पूरे ब्रज में आस्था हिलोरे मारती रही। हर ओर होली जैसा उल्लास नजर आ रहा था। जन्मभूमि जाने वाले हर मार्ग पर भक्तों की कतारें दिखाई दे रही थीं। कान्हा के जन्म के समय ब्रज की वैभवता का नजारा देखने के लिए देवता भी लालायित हैं। जन्मभूमि पर भगवान की प्रकाट्य भूमि एवं कारागर के रूप में प्रसिद्ध गर्भगृह की सज्जा भी चित्ताकर्षक की गई है। भागवत भवन के प्रवेश द्वारों की सज्जा में भगवान की लीलाओं के दर्शन श्रद्धालुओं को होंगे। भागवत भवन में स्थापित श्रीराधा-कृष्ण गर्भगृह में भव्य पुष्प सज्जा की गई है। संपूर्ण भागवत भवन की सज्जा में कमल पुष्प, कमलाकृति, मक्खन की मटकी, पत्र, पुष्प, वस्त्र आदि के संयोजन से कमल कुंज स्वरूप प्रदान किया गया है। अभिषेक स्थल की दीवालों को भी प्राचीन भवनाकृति के स्वरूप में सजाया गया है। अभिषेक के लिए भगवान श्रीकृष्ण का चल विग्रह भी रजत कमल पुष्प में विराजमान होकर पहुंचेगा। द्वारिकाधीश और अन्य मंदिरों की मनमोहक सज्जा की जा रही है। यह मंदिर भी सतरंगी रोशनी से झिलमिल करते नजर आएंगे। जन्म महाभिषेक के महोत्सव का साक्षी बनने के लिए देश-दुनिया के श्रद्धालु ब्रज आ रहे हैं। जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर श्रीकेशव देव मंदिर से संत और श्रद्धालु ढोल-नगाड़े, झांझ-मजीरे बजाते हुए संकीर्तन करते हुए भागवत भवन आए। हर्ष और उल्लास के वातावरण में ठाकुरजी को पुष्पाम्बुज पोशाक अर्पित की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने प्रभु के जन्मोत्सव की पोशाक और रजत कमल के दर्शन किए। बुधवार को जन्मस्थान पर दर्शन करने के लिए आस्था हिलोरे मारती रही।