प्रोजेक्ट में यह भी शामिल
इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए जापान के राजदूत केंजी हिरामात्सू और भारत के आर्थिक कार्य विभाग के संयुक्त सचिव एस सेल्वकुमार के बीच बुधवार को हस्ताक्षर भी हुए हैं। इस उन्नत यातायात सूचना और प्रबंधन प्रणाली के साथ शहर में सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रैफिक की भीड़ को मापने के लिए एक सेंसर भी लगाया जायेगा, जिससे भविष्य में जाम को कम करने में काफी मदद मिलेगी। इस सिस्टम को लेकर जापान एम्बेसी ने बताया कि इस परियोजना से शहर में ट्रैफिक जाम कम और आर्थिक विकास होने की पूरी उम्मीद है।

जापानी टेक्नोलॉजी की मदद

बंगलुरु शहर में इस सिस्टम को स्थापित करने के लिए जापान की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। एम्बेसी के मुताबिक इस परियोजना का कार्य वर्ष 2022 तक समाप्त हो जायेगा। इसके समाप्त होते ही बंगलुरु की ट्रैफिक जाम में 30 परसेंट तक कमी आयेगी और अगर फिलहाल की ट्रैफिक जाम पर चर्चा करें तो अभी यातायात में गाड़ियों की भीड़ करीब 550 मीटर तक लंबी हो जाती है, जिससे नागरिकों को समय के साथ आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ता है।

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