10 सीटों पर होना है चुनाव
यह गठबंधन राजनीतिक रूप से तीनों पार्टियों के लिये एक बड़ा फैसला है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि प्रेस कांफ्रेंस में न नीतीश कुमार नजर आये और न ही लालू यादव. तीनों पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों ने ही गठबंधन का ऐलान किया. समझौते के मुताबिक, 10 में 4-4 सीटों पर आरजेडी और जेडीयू, जबकि 2 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. गौरतलब है कि बिहार विधानसभा  की 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, जिसके लिये तीनों पार्टियों में गठबंधन हुआ है.

बीजेपी को रोकना प्राथमिकता

जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मंहगाई का मुद्दा हो या कोई और बीजेपी का असली चेहरा सामने आ गया है, लोग उनके शासन से निराश हुये हैं. आरेजेडी प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस के छिपे हुये एजेंडे को लागू करने के लिये काम कर रही है. उन्होंने गठबंधन के सभी उम्मीदवारों की जीत का दावा किया. इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि सेक्युलर ताकतें अब एक साथ आ गई हैं और अब बीजेपी को करारा जवाब दिया जायेगा.

आपसी तालमेल अहम
गौरतलब है कि आरजेडी और जेडीयू दोनों ने गठबंधन के सकेंत पहले ही दे दिये थे. मामला सिर्फ सीटों के बंटवारे पर फंसा था. जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सीटों की मांग हर दल की ओर से की जाती है. लेकिन समझौता करने वाले दल आपस में मिलकर अंतिम नतीजे पर पहुंचते हैं. उपचुनाव में भारी बहुमत से जीत का दावा करते हुये सिंह ने कहा था कि चुनाव के बाद बीजेपी की कलई खुल जायेगी. आपको बता दें कि बिहार की 10 विधानसभा सीटों नरकटियागंज, राजनगर, जाले, छपरा, हाजीपुर, मोहिउद्दीननगर, परबत्ता, भागलपुर, बांका और मोहनिया पर 21 अगस्त को उपचुनाव कराये जायेंगे. इनमें से 6 सीटें बीजेपी के पास थीं.

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